नीतीश सरकार की गरीब परिवारों को 2-2 लाख रुपये की सहायता देकर उद्यमी बनाने की योजना को बीजेपी ने छलावा बताया

By एस पी सिन्हा | Published: November 18, 2023 06:33 PM2023-11-18T18:33:21+5:302023-11-18T18:35:15+5:30

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि 6000 रुपये की मासिक आमदनी के साथ 5 आदमी के परिवार को चलाने में कर्ज में पूरा परिवार डूब जाता है और अब 2 लाख रुपये देकर उद्यमी बनाना राज्य के गरीबों के साथ मजाक किया जा रहा है।

BJP called Nitish government's plan to make poor families entrepreneurs by giving Rs 2 lakh each a hoax | नीतीश सरकार की गरीब परिवारों को 2-2 लाख रुपये की सहायता देकर उद्यमी बनाने की योजना को बीजेपी ने छलावा बताया

बिहार में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा

Highlights सहायता देकर उद्यमी बनाने पर भाजपा ने कसा तंजनेता प्रतिपक्ष ने कहा कि गरीबों के साथ मजाक किया जा रहा हैनीतीश सरकार लघु उद्यमी बनाने की योजना लेकर आई है

पटना: बिहार में नीतीश सरकार के द्वारा राज्य के 94 लाख गरीब परिवारों को 2-2 लाख रुपये की सहायता देने की योजना में लाभुकों को लघु उद्यमी बनाने की योजना को नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने छलावा बताया है। उन्होंने कहा कि 6000 रुपये से कम मासिक आय वाले परिवार 2 लाख रुपया में कैसे लघु उद्यमी बनेंगे, यह समझ से परे है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि 6000 रुपये की मासिक आमदनी के साथ 5 आदमी के परिवार को चलाने में कर्ज में पूरा परिवार डूब जाता है और अब 2 लाख रुपये देकर उद्यमी बनाना राज्य के गरीबों के साथ मजाक किया जा रहा है। विजय सिन्हा ने सरकार से मांग की है कि 94 लाख गरीब परिवारों को सरकार प्रतिमाह 10 हजार रुपया गरीबी भत्ता दे ताकि वे इज्जत पूर्वक अपने जीवन का निर्वहन कर सके। सरकार राज्य की सभी योजनाओं और भुगतान का नियम बनाने के समय सुनिश्चित करती है कि भुगतान से पूर्व लाभुकों से किस प्रकार अवैध राशि की उगाही की जाय।

उन्होंने कहा कि राज्य में रोज हत्या, बलात्कार, लूट, डकैती के कारण निवेशक आने से डर रहे है। 33 वर्षों में राज्य का औद्योगिक विकास इसी कारण नहीं हो रहा है। अब 2 लाख की छोटी राशि से उद्यमी बनाने की बात हास्यास्पद है। विजय सिन्हा ने कहा कि बिहार में राज करना ही सरकार की प्राथमिकता है। विकास से इन्हें कोई लेना देना नहीं है। राज्य में केन्द्रीय योजनाओं के कारण पथों का विस्तार दिखता है।

विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि सरकार ने शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य, सिंचाई, ग्रामीण कार्य सहित अन्य कार्य विभागों को चुनावी फंड इकट्ठा करने का स्त्रोत बना लिया है। राज्य में कार्यरत बाहरी एजेन्सियों मालोमाल हो गई है। उन्हें बिना काम का भुगतान होता है और आउटसोर्सिंग के नाम पर वे लूट मचाये हुये है। अधिकारी को प्रत्येक माह फिक्स कमीशन के द्वारा एजेंसियां अपने कार्य की निरन्तरता बरकरार रखते है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जारी जातीय सर्वे रिपोर्ट में बिहार की बदहाल स्थिति उजागर हो गई है। अनेक आर्थिक मानकों पर बिहार देश में नीचे से प्रथम अथवा द्वितीय हैं। अभी तक राज्य की आर्थिक प्रगति का सरकार ढिढ़ोरा पीट रही थी। अब देश के सामने वास्तविक स्थिति उजागर हो गई है।
 

Web Title: BJP called Nitish government's plan to make poor families entrepreneurs by giving Rs 2 lakh each a hoax

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