ग्रामीण चिकित्सकों ने लगाई गुहार, स्वास्थ्य मित्र के रूप में नियुक्ति कब होगी बताओ नीतीश सरकार
By एस पी सिन्हा | Published: November 3, 2023 06:12 PM2023-11-03T18:12:39+5:302023-11-03T18:16:11+5:30
बिहार के स्वास्थ्य मित्रों(ग्रामीण चिकित्सकों) ने आज राज्य की सत्ताधारी राजद और जदयू के कार्यालय को घेराव किया। स्वास्थ्य मित्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए शीघ्र नियुक्ति करने की मांग कर रहे हैं।
पटना: बिहार के स्वास्थ्य मित्रों(ग्रामीण चिकित्सकों) ने आज राज्य की सत्ताधारी राजद और जदयू के कार्यालय को घेराव किया। जिसकी वजह से राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को कार्यालय जाने के लिए पैदल यात्रा करना पडा। स्वास्थ्य मित्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए शीघ्र नियुक्ति करने की मांग कर रहे हैं। दरअसल, सभी लोग पिछले सात साल से स्वास्थ्य मित्र में नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन स्वास्थ्य मित्रों का सब्र आखिरकार जवाब दे दिया और शुक्रवार को हजारों की संख्या में ग्रामीण चिकित्सक राजद कार्यालय का घेराव करने के लिए पहुंच गए।
नीतीश सरकार के खिलाफ वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे ग्रामीण चिकित्सकों की मांग थी कि जब तक बिहार के स्वास्थ्य मंत्री खुद आकर हमें लिखित रुप से जल्द नियुक्ति का भरोसा नहीं देते हैं, तब तक यह घेराव जारी रहेगा। राजद कार्यालय पहुंचने वालों ग्रामीण चिकित्सकों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। राजद कार्यालय के पास जुटे ग्रामीण चिकित्सकों ने बताया कि 2014 में नीतीश कुमार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में यह बात कही थी कि सभी ग्रामीण चिकित्सकों को स्वास्थ्य मित्र बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा था ग्रामीण चिकित्सकों के कारण ही गांवों में होने वाली कई बीमारियों का इलाज संभव हो पाता है। जिसके बाद 2016 में परीक्षा ली गई, जिसमें 21 हजार के करीब स्वास्थ्य मित्र बनाने के लिए एनआईओएस से एक वर्षीय प्रशिक्षण भी राज्य के विभिन्न जिले के सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर दिलाया गया। यह सभी ग्रामीण चिकित्सक लिखित एवं प्रायोगिक परीक्षा में भी पास हो गए हैं।
लेकिन, स्वास्थ्य मित्र के रूप में नियुक्ति नहीं कराई गई। अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिला है। अपना आक्रोश जताते हुए ग्रामीण चिकित्सकों ने कहा कि हम लोग बहुत भटक चुके हैं, लेकिन अब आर-पार की लड़ाई होगी।अगर सरकार ने हमारी मांगे नहीं सुनी तो आने वाले 2024 और 25 में सरकार को इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा। विरोध कर रहे चिकित्सकों का कहना है कि बिहार में एक तरफ सरकार एक लाख शिक्षकों की नियुक्ति कर रही है। वहीं दूसरी तरफ हम ग्रामीण चिकित्सकों को ट्रेनिंग देने के बाद भी अब तक नियुक्ति नहीं दी जा रही है।