Bihar Politics News: सीएम नीतीश कुमार ने बिसात बिछानी शुरू की, अल्पसंख्यक नेताओं और कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई, ललन सिंह के साथ कई मंत्री शामिल

By एस पी सिन्हा | Published: October 7, 2023 05:12 PM2023-10-07T17:12:40+5:302023-10-07T17:13:45+5:30

Bihar Politics News: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बिसात बिछानी शुरू कर दी है।

Bihar Politics News CM Nitish Kumar started laying chessboard called meeting of minority leaders and workers, many ministers attended along with Lalan Singh | Bihar Politics News: सीएम नीतीश कुमार ने बिसात बिछानी शुरू की, अल्पसंख्यक नेताओं और कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई, ललन सिंह के साथ कई मंत्री शामिल

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Highlights सरकारी आवास एक अणे मार्ग में पार्टी के अल्पसंख्यक नेताओं और कार्यकर्ताओं की एक बैठक बुलाई। ललन सिंह के साथ बिहार विधान परिषद के सदस्य, कैबिनेट के कई मंत्री और कई बड़े नेता शामिल हुए। बैठक में अल्पसंख्यक मतदाताओं को लुभाने के मुद्दे पर गंभीर चर्चा की गई।

Bihar Politics News: बिहार में जातिगत जनगणना रिपोर्ट जारी होने के बाद सूबे की सियासत गर्मायी हुई है। जातिगत आंकड़े आने की बाद से ही तमाम राजनीतिक दल इससे उनके दल को होने वाले नफा-नुकसान के आंकलन करने में जुटे हुए हैं। इसी हलचल के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बिसात बिछानी शुरू कर दी है।

इसी कड़ी में शनिवार को उन्होंने अपने सरकारी आवास एक अणे मार्ग में पार्टी के अल्पसंख्यक नेताओं और कार्यकर्ताओं की एक बैठक बुलाई। बैठक में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के साथ बिहार विधान परिषद के सदस्य, कैबिनेट के कई मंत्री और कई बड़े नेता शामिल हुए। बताया जाता है कि इस बैठक में अल्पसंख्यक मतदाताओं को लुभाने के मुद्दे पर गंभीर चर्चा की गई।

अल्पसंख्यक वोट बैंक पर फोकस करने पर जोर दिया गया। बैठक के बाद सभी अल्पसंख्यक नेता-कार्यकर्ता बहुत खुश नजर आए। उनका कहना है कि नीतीश कुमार के साथ हम हैं और आगे भी रहेंगे। लोकसभा चुनाव में 40 की 40 सीट जीताने का काम करेंगे और 2024 में मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री बनाना है।

छपरा से आए जदयू नेता मोहम्मद फैजाल आलम ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यकों के लिए बनाई योजनाओं की जानकारी दी। साथ ही कहा कि आने वाले दिनों में उनके पास अल्पसंख्यकों के लिए बहुत बड़ा एजेंडा है। मुख्यमंत्री ने किसी के बहकावे में ना आकर उनका साथ देने की बात कही है।

कहा जा रहा है कि आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में अल्पसंख्यक बाहुल्य सीटों पर पसमांदा को टिकट में तरजीह दी जा सकती है। बता दें कि लालू प्रसाद यादव ने एम-वाय यानी मुस्लिम-यादव समीकरण को साधते हुए बिहार की सत्ता पर 15 सालों तक पकड़ बनाए रखी।

अब जब लालू और नीतीश एक साथ हैं तो ऐसे में अगर दोनों वोटर एकजुट हो गये तो ये प्रतिशत 32 फीसदी पहुंच जाता है, जो लोकसभा चुनाव के नतीजों को प्रभावित कर सकता है। इसलिए अल्पसंख्यक वोट बैंक में सेंध लगाने की रणनीति तैयार की जा रही है। बिहार में अल्पसंख्यक आबादी 17.70 प्रतिशत यानी करीब 18 प्रतिशत है। 13 लोकसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां 12 से 67 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं।

किशनगंज में सबसे अधिक 67 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं। तीन लोकसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां 30 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम वोटर हैं। 5 लोकसभा क्षेत्रों में 20 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम वोटर हैं तो 9 लोकसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां 15 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम वोटर हैं। लिहाजा समझा जा सकता है, अगर ये वोट एकमुश्त किसी पार्टी या गठबंधन को मिलते हैं तो चुनाव नतीजों पर क्या असर पड़ेगा।

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