बिहार: बीते 7 सालों में शराबबंदी कानून के तहत जेल भेजे गए 10 लाख से ज्यादा लोग
By एस पी सिन्हा | Published: February 17, 2024 05:37 PM2024-02-17T17:37:59+5:302024-02-17T17:41:14+5:30
अप्रैल 2016 से बिहार में लागू हुए शराबबंदी कानून के बाद से राज्य में अबतक करीब साढ़े 10 लाख से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हुई है। इतना ही नहीं 7 लाख से ज्यादा अपराधिक मामले भी दर्ज किए गए हैं। यह आंकड़ा बिहार सरकार की ओर से जारी किया गया है।
पटना: बिहार में बीते 7 सालों से शराबबंदी लागू है, बावजूद इसके शराब का सेवन और तस्करी करने वाले इससे बाज नहीं आ रहे हैं। अप्रैल 2016 से बिहार में लागू हुए शराबबंदी कानून के बाद से राज्य में अबतक करीब साढ़े 10 लाख से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हुई है। इतना ही नहीं 7 लाख से ज्यादा अपराधिक मामले भी दर्ज किए गए हैं। यह आंकड़ा बिहार सरकार की ओर से जारी किया गया है।
बावजूद इसके राज्य में शराब की तस्करी का खेल जारी है। तमाम सख्तियों के बाद भी सिर्फ वर्ष 2023 में राज्य में 39.63 लाख लीटर शराब जब्त की गई है। हाल ही पेश हुए राज्य बजट में मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग से जुड़ी पिछले वर्षों की कार्रवाई के विवरण में यह सामने आया है।
बजट में कहा गया है कि मद्य निषेध नीति के सफल कार्यान्वयन हेतु अप्रैल, 2016 से नवंबर, 2023 तक पुलिस एवं मद्य निषेध पदाधिकारियों द्वारा छापेमारी करते हुए कुल 7 लाख 9 हजार 406 अभियोग दर्ज किया गया। शराबबंदी के मामलों में अप्रैल, 2016 से नवम्बर, 2023 तक 10 लाख 55 हजार 348 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।
इस अवधि में राज्य के बाहर से 7 हजार 646 अवैध शराब के कारोबारियों को गिरफ्तार किया गया है। कुल जब्त वाहन 1 लाख 6 हजार 273 में से कुल 69 हजार 998 वाहनों को नीलाम किया गया है तथा 9 हजार 531 वाहनों को अर्थदंड पर विमुक्त किया गया है। मौजूदा समय में राज्य में कुल 84 मद्य निषेध थाना की स्थापना की गई है।
उत्पाद अभियोगों के त्वरित निष्पादन हेतु 74 अनन्य विशेष न्यायालयों की स्थापना की गई है। आंकड़ों के अनुसार साल 2023 में बिहार में 39.63 लाख लीटर शराब जब्त की गई। वहीं, बिहार पुलिस मुख्यालय के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक बिहार पुलिस ने साल 2023 में 25.09 लाख लीटर विदेशी शराब और 14.53 लाख देशी शराब बरामदगी की।
बिहार पुलिस ने 72 हजार से ज्यादा प्राथमिकी दर्ज की और 1.43 लाख लोगों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में 17,183 वाहन जब्त किए गए हैं। शराबबंदी की सफलता के लिए छापेमारी हेतू श्वान दस्ता, ब्रेथ एनालाइजर एवं दूरबीन के साथ-साथ नयी तकनीक यथा, ड्रोन, मोटरबोट एवं डर्टबाईक का उपयोग किया जा रहा है।
छापेमारी में जब्त शराब का विनष्टीकरण नियमित रूप से किया जा रहा है। राज्य में कुल 84 चेक पोस्ट कार्यरत हैं, जहां सी०सी०टी०वी० कैमरे से लगातार निगरानी की जा रही है। वहीं, बिहार में शराबबंदी के बाद शराब और ताड़ी के परंपरागत व्यवसाय में लगे परिवारों के लिये सतत जीविकोपार्जन योजना के अंतर्गत रोजगार हेतु 1,00,000 रुपये तक आर्थिक मदद सरकार द्वारा दी जा रही है, जिसे बढाकर अब 2,00,000 रुपये किया गया है।
साथ ही, नीरा के उत्पादन एवं बिक्री को प्रोत्साहित किया जा रहा है। जब्त शराब की बोतलों का सदुपयोग एवं रोजगार सृजन के उद्देश्य से चूड़ी निर्माण कराया जा रहा है।