पटनाः बिहार में नीतीश सरकार क द्वारा डोमिसाइल नीति हटाए जाने के मामले में महागठबंधन में शामिल दलों के द्वारा भी विरोध किया जाने लगा है। सरकार को समर्थन दे रही भाकपा- माले ने नीतीश सरकार के फैसले का खुलकर विरोध किया है। माले विधायक संदीप सौरभ ने शनिवार को कहा कि बिना तर्क के डोमिसाइल खत्म किया गया है।
इसलिए आगामी मानसून सत्र के दौरान हम लोग इसे सदन में रखेंगे। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर शिक्षक अभ्यर्थियों की चिंताओं से वे वाकिफ हैं। इसलिए उनकी पार्टी ने शुरू से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस मुद्दे पर विचार करने को कहा है। अब इसे लेकर माले की ओर से सदन में मामला उठाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ ने कहा कि बिहार के विद्यालयों में बीपीएससी के माध्यम से होने वाली शिक्षकों की बहाली में स्थानीय नीति हटने से बिहार के युवाओं को काफी नुकसान होगा। चार सालों से शिक्षक बहाली के लिए परेशान शिक्षक अभ्यर्थियों पर स्थानीय नीति हटाकर पूरे देश के अभ्यर्थियों की बहाली करना शिक्षक अभ्यर्थियों को मानसिक प्रताड़ना देने जैसा फैसला है, जिसकी जितनी निंदा की जाये, कम होगा। बता दें कि इसी सप्ताह नीतीश सरकार ने एक बड़ा बदलाव करते हुए डोमिसाइल नीति हटा दिया।
इससे अब न सिर्फ बिहार बल्कि अन्य राज्यों के लोग भी बिहार में शिक्षक बनने के लिए आवेदन कर सकते हैं। शिक्षक अभ्यर्थियों का कहना है कि बिहार सरकार का यह निर्णय राज्य के युवाओं को धोखा देना है। पहले से ही बेरोजगारी की मार झेल रहे बिहार के युवाओं को अब एक और बड़ी परेशानी में नीतीश सरकार ने डाल दिया है।