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सीएम नीतीश के सहयोगी दल तेजस्वी यादव को कर रहे किनारे! लेटेस्ट विज्ञापन में नहीं मिली जगह

By एस पी सिन्हा | Updated: January 12, 2024 18:09 IST

अखबारों के फ्रंट पेज पर आज पूरे पन्ने का शिक्षा को लेकर विज्ञापन छपा है। विज्ञापन में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कहीं दिखाई दिए।

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पटना:  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही महागठबंधन की सरकार चला रहे हैं, लेकिन वह किसी भी कीमत पर राजद को किसी कार्यों का श्रेय जाने देना नहीं चाहते हैं। इसका जीता जागता आज तब सामने आया, जब अखबारों में छपे विज्ञापन में तेजस्वी यादव को जगह नहीं दी गई। हालांकि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के द्वारा शिक्षकों की बहाली को लेकर खुद का श्रेय लेने का दावा किया जा रहा है।

ऐसे कई अवसर आए जब मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि शिक्षकों की नौकरी देने का काम राजद नहीं बल्कि राज्य सरकार कर रही है। सरकार के मुखिया ने आज एक बार फिर से यह बता दिया है कि शिक्षकों की बहाली का काम किसी दूसरे ने नहीं बल्कि हमने किया है।

अखबारों के फ्रंट पेज पर आज पूरे पन्ने का शिक्षा को लेकर विज्ञापन छपा है। विज्ञापन में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कहीं दिखाई दिए। विज्ञापन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शिक्षा सुधार का नायक करार दिया गया है। विज्ञापन के माध्यम से बताने की कोशिश की गई है कि शिक्षा के क्षेत्र में बिहार बढ़ रहा है।

सरकार प्राथमिक से लेकर माध्यमिक और उच्च शिक्षा की बेहतरी को लेकर लगातार काम कर रही है। शिक्षकों की बहाली गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में प्रभावी कदम है। शिक्षा बजट में हर साल बढ़ोतरी की जा रही है। शैक्षणिक प्रोत्साहन को लेकर सरकार ने कई तरह की पहल शुरू की है। नए विद्यालय का निर्माण एवं विकास के काम किए जा रहे हैं। पूरे पन्ने के विज्ञापन में सिर्फ 'नीतीशे कुमार' ही दिख रहे हैं।

2005 से लेकर 2023 तक शिक्षा के क्षेत्र में किए कामों के बारे में बताने की कोशिश की गई है। यह विज्ञापन बताने के लिए काफी है कि शिक्षकों की बहाली किसी दूसरे नेता ने नहीं कराई, बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इच्छा शक्ति से ही संभव हो सका है। विज्ञापन में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव या शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर को थोडी सी भी जगह नहीं दी गई है।

जबकि विज्ञापन शिक्षा विभाग की तरफ से ही जारी की गई है। बता दें कि तेजस्वी यादव बार-बार कहते हैं कि महागठबंधन सरकार बेरोजगारों को नौकरी दे रही है। जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किसी कीमत यह उपलब्धि राजद को लेने देना नहीं चाहते हैं।

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