पटना: कांग्रेस को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नाराजगी की खबरों के बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के द्वारा फोन किए जाने की खबर है। दरअसल, 2 नवंबर को नीतीश कुमार ने पटना में हुई भाकपा की रैली में कहा था कि विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया एलाइंस पर कांग्रेस का फिलहाल कम ध्यान है। कांग्रेस अभी पांच राज्यों के चुनाव में व्यस्त है। कांग्रेस को इंडिया में कम इंटरेस्ट है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस बयान से भूचाल मच गया था। माना गया कि कांग्रेस के रवैये से नीतीश कुमार नाखुश हैं। इसलिए नीतीश कुमार ने सार्वजनिक रूप से यह टिप्पणी की।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और केंद्र की मोदी सरकार को हराने का मंसूबा पाले विपक्ष के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह बयान एक झटके की भांति रहा है। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इसी नाराजगी को दूर करने के लिए अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे उन्हें फोन किया है। दोनों नेताओं के बीच बातचीत को लेकर कहा जा रहा है कि उनके बीच मौजूदा 5 राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों और उसके बाद की राजनीतिक स्थितियों पर चर्चा हुई है। साथ ही इंडिया गठबंधन को कैसे आगे बढ़ाया जाए, इसके लिए कब बैठक हो इन मुद्दों पर भी दोनों में बातचीत हुई।
सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार के मन में कांग्रेस को लेकर जो संशय था उसे दूर करने की खडगे ने कोशिश की। बिहार कांग्रेस ने पिछले दिनों बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिंह की जयंती मनाई थी। उसमें राजद प्रमुख लालू यादव शामिल हुए थे। वहीं नीतीश कुमार के बारे में कहा गया कि कांग्रेस के आमंत्रण के बाद भी वे श्री बाबू जयंती समारोह में शामिल नहीं हुए। इससे भी नीतीश की कांग्रेस को लेकर नाखुशी बताई गई।
उसके ठीक बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाकपा की रैली में कहा था कि विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया एलाइंस पर कांग्रेस का फिलहाल कम ध्यान है। उनका यह बयान कांग्रेस के लिए बड़ा झटका रहा और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के होश उड़ा देने वाला रहा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ही पहली बार सितम्बर 2022 में कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी को वर्ष 2024 में सत्ता से हटाने के लिए विपक्षी दलों को एकजुट होना जरूरी है। उसके बाद वे देश के कई विपक्षी नेताओं से मिले।
करीब 10 महीने की कवायद के बाद जून 2023 में पटना में पहली बार विपक्षी दलों की बैठक हुई। इसके बाद बेंगलुरु और मुंबई में विपक्षी दल एक साथ बैठे और उनके गठबंधन का शॉर्ट नेम 'इंडिया' रहा। लेकिन नीतीश की इस पहल के बाद अब विपक्षी दलों का इंडिया किसी प्रकार की गतिविधि से दूर है। इसी को लेकर नीतीश कुमार ने अपनी नाखुशी जाहिर की थी। उन्होंने इसे लेकर कांग्रेस पर सीधा बयान दिया। लेकिन अब नीतीश कुमार के इस तेवर को देखने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने खुद उन्हें फोन किया है।