सेकेंड हैंड मर्सिडीज कारों की तरफ बढ़ रहा है लोगों का झुकाव? ऑनलाइन भी है खूब डिमांड, नई कार का होता है एहसास
By भाषा | Published: June 21, 2020 05:48 PM2020-06-21T17:48:20+5:302020-06-21T17:48:20+5:30
कई कार निर्माता कंपनियों ने बीते कुछ सालों में सेकेंड हैंड कार के कारोबार में भी दखल देना शुरू किया है। इनमें मारुति, मर्सिडीज जैसी बड़ी कार निर्माता कंपनियां भी हैं। मारुति अपने ट्रू वैल्यू प्लेटफॉर्म के जरिए सेकेंड हैंड कार बेचती है।
जर्मनी की लक्जरी कार कंपनी मर्सिडीज बेंज का मानना है कि भारत में सेकेंड हैंड या पुरानी कारों का कारोबार मजबूत बना रहेगा। हालांकि, कोविड-19 महामारी से वाहन बाजार प्रभावित होगा। मर्सिडीज बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मार्टिन श्वेंक ने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि सेकेंड हेंड कारों का बाजार नई कारों की बिक्री की कीमत पर नहीं बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि नई कारों के बाजार में आगामी त्योहारी सीजन में सुधार आने की उम्मीद है। श्वेंक ने कहा, ‘‘युवा और पहली बार कार खरीदने वाले लोग नई कार खरीदने से पहले प्रमाणित पुरानी कार खरीद कर अनुभव प्राप्त करना चाहते हैं। हालांकि, हमारा मानना है कि पुरानी कारों की बिक्री बढ़ेगी, लेकिन यह नई कारों की कीमत पर नहीं होगा।’’
नई कार की तरह होता है एक्सपीरियंस
उन्होंने कहा कि पुरानी कारों का कारोबार कंपनी की वृद्धि का महत्वपूर्ण क्षेत्र है। कंपनी ने इस बाजार में नौ साल पूरे कर लिए हैं। श्वेंक ने कहा कि सेकेंड हैंड कारों के बाजार में उत्पाद, सेवा, वित्तीय पेशकश और ब्रांड अनुभव नई कार की तरह ही होता है। इस वजह से यह क्षेत्र लगातार लोकप्रियता हासिल कर रहा है।
ऑनलाइन भी बढ़ रही है पुरानी कार की डिमांड
उन्होंने कहा कि कंपनी के ऑनलाइन ब्रिक्री मंच पर भी पुरानी कारों की मांग बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि मर्सिडीज बेंज सर्टिफाइड ने पिछले पांच साल में 20,500 पुरानी कारें बेची हैं। कंपनी का यह कारोबार सालाना 20 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। कुल बाजार स्थिति पर उन्होंने कहा कि 2020 का साल पहले ही कंपनी के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा है।
श्वेंक ने कहा, ‘‘मौजूदा वृहद आर्थिक दिक्कतों तथा कोविड-19 से संबंधित चुनौतियों और अधिक बिक्री वाले मॉडल उपलब्ध नहीं होने की वजह से पहली और दूसरी तिमाहियों में कंपनी की बिक्री प्रभावित हुई है।’’