बुरी खबर, 1 सितंबर से मारुति सुजुकी इंडिया की सभी कारें महंगी, इस साल तीसरी बार बढ़ेगी कीमत, जानिए कारण
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 31, 2021 07:44 PM2021-08-31T19:44:26+5:302021-08-31T19:46:05+5:30
Maruti Suzuki Price Hike: देश की प्रमुख मारुति सुजुकी इंडिया कंपनी ने 2021 में जनवरी और अप्रैल में पहले ही दो बार दाम बढ़ा चुकी है, इसलिए यह इस साल इसकी तीसरी वृद्धि होगी।

कुल मिलाकर, कंपनी पहले ही लगभग 3.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर चुकी है।
Maruti Suzuki Price Hike: देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी, मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) सितंबर से एक बार फिर से वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी करने जा रही है।
तांबा, इस्पात जैसे जिंस के दाम बढ़ने के बीच कंपनी अपनी लाभप्रदता को बनाये रखने के लिये यह कदम उठा रही है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। कंपनी प्रत्येक मॉडल पर मूल्य वृद्धि को लेकर काम कर रही है। उसका उद्देश्य मूल्य वृद्धि को कम से कम रखना है ताकि बाजार में मांग प्रभावित न हो और वह अपने परिचालन को लाभप्रद बनाए रखने में भी सक्षम हो।
देश की प्रमुख कार कंपनी ने इस साल जनवरी और अप्रैल में पहले ही दो बार दाम बढ़ा चुकी है, इसलिए यह इस साल इसकी तीसरी वृद्धि होगी। मौजूदा समय में कंपनी सबसे सस्ती हैचबैक ऑल्टो से लेकर एस-क्रॉस तक कई मॉडल बेचती है, जिनकी कीमत क्रमशः 2.99 लाख रुपये और 12.39 लाख रुपये (एक्स-शोरूम कीमत दिल्ली) के बीच है। एमएसआई के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (बिक्री और विपणन) शशांक श्रीवास्तव ने बताया, "पिछले साल हम मांग बढ़ने को लेकर बहुत सचेत थे।
बाजार की अग्रणी कंपनी होने के नाते हम मांग के पुनरुद्धार के लिए भी जिम्मेदार हैं, इसलिए हमने दाम नहीं बढ़ाये। जनवरी में हमने कीमतों में मामूली 1.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की। हम उम्मीद कर रहे थे कि जिंस कीमतें अंततः कम हो जाएंगी लेकिन दाम नरम होने के बजाय बढ़ गये जिसके कारण हमें अप्रैल में एक और वृद्धि करने के लिए मजबूर होना पड़ा।"
उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर, कंपनी पहले ही लगभग 3.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर चुकी है, लेकिन यह वृद्धि भी जिंस कीमतों और सामग्री की लागत की भरपाई करने के लिए पर्याप्त नहीं है। श्रीवास्तव ने कहा, "इसलिए, हम सितंबर में कीमतों में एक और बढ़ोतरी करने के लिए मजबूर हैं। हालांकि कीमतों में थोड़ी नरमी आई है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है।"
उन्होंने कहा कि कीमतों में बढ़ोतरी करना, कंपनी के लिए हमेशा एक अंतिम उपाय होता है क्योंकि इसका उद्देश्य ग्राहक के लिए खरीद कीमतों को यथासंभव कम रखना है। श्रीवास्तव ने कहा कि स्टील की कीमतें पिछले साल के 38 रुपये प्रति किलो से इस साल मई-जून में 65 रुपये प्रति किलो हो गई हैं। इसी तरह तांबे की कीमतें 5,200 अमेरिकी डॉलर प्रति टन से दोगुनी होकर 10,000 डॉलर प्रति टन हो गई हैं। कंपनी ने सोमवार को शेयर बाजारों को अगले महीने से कारों के दाम बढ़ाने की जानकारी दी है।