सरकार का बड़ा प्लान, इलेक्ट्रिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर नहीं लगेगा कोई चार्ज
By रजनीश | Published: June 22, 2019 01:42 PM2019-06-22T13:42:10+5:302019-06-22T13:59:11+5:30
रजिस्ट्रेशन चार्ज पर मिलने वाली छूट दोपहिया वाहनों सहित सभी श्रेणी के इलेक्ट्रिक वाहनों पर प्रभावी रहेगी। मंत्रालय ने सीएमवीआर में संशोधन के लिए मसौदा अधिसूचना जारी की है।
सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीयन शुल्क माफ करने का बुधवार को प्रस्ताव पेश किया। इसका लक्ष्य देश में ई-वाहनों को बढ़ावा देना है। यह कदम ऐसे समय में उठाया जा रहा है जब भारत ने 2030 तक इस तरह के वाहनों के अधिकाधिक प्रसार की योजना बनायी है।
केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर), 1989 में संशोधन के लिए मसौदा अधिसूचना जारी करते हुए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कहा है कि बैट्री से चलने वाले वाहनों को 'पंजीयन प्रमाणपत्र जारी करने या उनके नवीनीकरण को शुल्क के दायरे से बाहर रखा जाएगा।
रजिस्ट्रेशन चार्ज पर यह छूट दोपहिया वाहनों सहित सभी श्रेणी के इलेक्ट्रिक वाहनों पर प्रभावी रहेगी। मंत्रालय ने सीएमवीआर में संशोधन के लिए मसौदा अधिसूचना जारी की है। इस छूट के लिए सीएमवीआर के नियम संख्या 81 में संशोधन किया जाएगा। सभी पक्षधारकों से मसौदा अधिनियम को जारी किये जाने के एक माह के भीतर अपनी राय देने को कहा गया है।
कई कार और बाइक निर्माता कंपनियों ने इलेक्ट्रिक वाहन लॉन्च भी किया है और कई इस पर काम कर रहे हैं। अधिकतर कंपनियां 2020 तक इलेक्ट्रिक वाहन लॉन्च करने की तैयारी में है। वाहनों से होने वाले प्रदूषण की वजह से सरकार ने काफी कड़े नियम भी बनाए गए हैं जिससे इलेक्ट्रिक वाहन के बारे में कंपनियों ने तेजी से काम करना शुरू किया है।
प्रदूषण मानक बताने वाला पैरामीटर भारत स्टेज-4 (बीएस-4) मानक पर आधारित सभी गाड़ियां बाजार में आने के बाद अब इस मानक को बढ़ाकर बीएस-6 कर दिया गया है। अब बीएस-6 एमिशन नार्म्स के मुताबिक कार बनाने में खर्च ज्यादा आ रहा है। खासतौर पर डीजल इंजन वाली कार ज्यादा महंगी हो रही हैं ऐसे में कई कंपनियों ने फिलहाल डीजल कार न बनाने का ऐलान भी कर दिया है। यह भी इलेक्ट्रिक वाहनों के तरफ झुकाव की एक बड़ी वजह है।
इन सब के साथ प्रदूषण तो एक बड़ी वजह है ही। क्योंकि पेट्रोल के मुकाबले डीजल से ज्यादा प्रदूषण होता है और डीजल गाड़ियों से निकलने वाले धुंए के कण ज्यादा बड़े और प्रदूषण युक्त होते हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों में सबसे ज्यादा दिक्कत बैट्री और चार्जिंग में लगने वाले टाइम को लेकर है। हालांकि इसके लिए कंपनियां बैट्री निर्माताओं और चार्जिंग, फास्ट चार्जिंग, क्विक चार्जिंग के क्षेत्र में काम करने वालों से मिलकर तेजी से चार्ज होने वाली बैट्री और ज्यादा समय तक चलने वाली बैट्री का हल तलाशने में लगे हैं।