Budget 2021: नई स्क्रैप पॉलिसी क्या है, सरकार क्यों लेकर आई इसे, कितनी गाड़ियां जाएंगी कबाड़ में, जानिए
By भाषा | Published: February 2, 2021 08:43 AM2021-02-02T08:43:14+5:302021-02-02T08:58:27+5:30
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट-2021 पेश करते हुए नई वाहन-स्क्रैप नीति की घोषणा की। सरकार को उम्मीद है कि इससे ऑटो सेक्टर में करीब 10 हजार करोड़ रुपये के नये निवेश आएंगे और रोजगार के 50 हजार अवसर सृजित होंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पुराने और प्रदूषण फैला रहे वाहनों को हटाने के लिये बहुप्रतीक्षित स्वैच्छिक वाहन-स्क्रैप नीति (वाहनों को कबाड़ में डालने की नीति) की सोमवार को घोषणा कर दी।
निर्मला सीतारमण ने 2021-22 का बजट पेश करते हुए कहा कि निजी वाहनों को 20 साल होने पर तथा वाणिज्यिक वाहनों को 15 साल होने पर फिटनेस जांच करानी होगी।
उन्होंने कहा कि यह नीति देश की आयात लागत को कम करने के साथ ही पर्यावरण के अनुकूल तथा ईंधन की कम खपत करने वाले वाहनों को बढ़ावा देगी।
Scrap Policy: 10 हजार करोड़ का आएगा निवेश
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने नीति का स्वागत करते हुए कहा कि इससे करीब 10 हजार करोड़ रुपये के नये निवेश आकर्षित होंगे तथा रोजगार के 50 हजार अवसर सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि इस नीति के दायरे में एक करोड़ से अधिक हल्के, मध्यम एवं भारी वाहन आयेंगे।
गडकरी ने कहा, ‘इस नीति के दायरे में 20 साल से अधिक पुराने 51 लाख हल्के वाहनों के आने का अनुमान है। इसके अलावा 15 साल से पुराने 34 लाख हल्के वाहन और 17 लाख मध्यम व भारी वाहन भी इस नीति के दायरे में आयेंगे।’
गडकरी ने कहा कि ये वाहन नये मॉडलों की तुलना में 10-12 गुना अधिक प्रदूषण फैलाते हैं। उन्होंने नयी नीति के फायदे गिनाते हुए कहा कि यह व्यर्थ धातुओं के पुनर्चक्रण, बेहतर सुरक्षा, वायु प्रदूषण में कमी, नये वाहनों की बेहतर ईंधन दक्षता के चलते आयात लागत में कमी तथा निवेश के सही इस्तेमाल का मार्ग प्रशस्त करेगी।
Scrap Policy: 15 दिन के अंदर सरकार देगी पूरी डिटेल
गडकरी ने कहा कि 15 दिनों के भीतर नीति की विस्तृत जानकारियां सामने आयेंगी। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि इस नीति की विस्तृत जानकारियां सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के द्वारा अलग से दी जायेंगी।
उन्होंने कहा, ‘हम पुराने और अनुपयुक्त वाहनों को हटाने के लिये अलग से स्वैच्छिक वाहन-सक्रैप नीति की घोषणा कर रहे हैं। यह ईंधन के बेहतर इस्तेमाल, पर्यावरण के अनुकूल वाहन को बढ़ावा देगी, जिससे वाहनों से होने वाले प्रदूषण में तथा तेल के आयात की लागत में कमी आयेगी।’
सीतारमण ने कहा कि निजी वाहनों को 20 साल पूरा होने पर स्वचालित फिटनेस जांच केंद्रों में जांच कराना होगा। व्यावसायिक वाहनों को 15 साल पूरा होने पर जांच कराना होगा।
Scrap Policy: सरकार पहले ही दे चुकी है मंजूरी
गडकरी ने इससे पहले पिछले सप्ताह कहा था कि सरकारी विभागों व सार्वजनिक उपक्रमों के पास मौजूद 15 साल से पुराने वाहनों को कबाड़ करने की नीति जल्दी ही अधिसूचित की जायेगी और एक अप्रैल 2022 से इसे लागू किया जायेगा।
इस नीति को सरकार पहले ही मंजूरी दे चुकी है। वित्त मंत्री ने भी कहा था कि पुराने वाहनों को कबाड़ घोषित करने की नीति पर काम जारी है। संबंधित मंत्रालयों के साथ परामर्श के बाद नीति की घोषणा की जाायेगी।