बचत के पैसे होने लगे खत्म तो साइकिल खरीदना दिखा आखिरी रास्ता, पकड़े गए 57 मजदूर

By रजनीश | Published: May 1, 2020 06:16 PM2020-05-01T18:16:55+5:302020-05-01T18:16:55+5:30

लॉकडाउन के चलते जो जहां है वहीं फंसा हुआ है। ऐसे में उन दिहाड़ी मजदूरों के सामने खाने की बड़ी समस्या है जो हर दिन की कमाई पर ही निर्भर रहते थे।

bought cycles from savings going thier hometowns 57 labourers caught in mumbai | बचत के पैसे होने लगे खत्म तो साइकिल खरीदना दिखा आखिरी रास्ता, पकड़े गए 57 मजदूर

थाने में खड़ी मजदूरों की साइकिलें

Highlightsसाइकिल सवार मजदूरों ने बताया कि वे मुंबई के अलग-अलग इलाकों में काम करते थे और मदद के इंतजार में उनका जीवनयापन मुश्किल हो रहा है। तुर्भे पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर सचिन राने के मुताबिक सभी मजदूरों ने भोजन न होने की शिकायत की है तो हम इन्हें 10 दिन का राशन उपलब्ध कराएंगे।

कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा है। यह लॉकडाउन फिलहाल 3 मई तक के लागू रहेगा। लॉकडाउन को और आगे बढ़ाए जाने की चिंता और भोजन-पानी की समस्याओं के चलते मजदूर वर्ग के लोग अपने घर पहुंचना चाहते हैं। यातायात बंद होने के चलते हजारों की संख्या में मजूदरों ने पैदल ही के लिए निकल पड़े। जिनको जहां कोई वाहन मिला तो उसका सहारा ले लिया। लेकिन हाल ही में घर जाने की तैयारी कर रहे लगभग 57 मजदूरों को पुलिस ने पकड़ा है।

नवी मुंबई पुलिस ने 57 दिहाड़ी मजदूरों को पकड़ा है। इन मजदूरों ने घर जाने के लिए अपने बचे हुए पैसों से साइकिलें खरीदीं थी। ये मजदूर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं।

मुंबई मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक तुर्भे पुलिस ने कहा कि पुलिस की पेट्रोलिंग टीम (गश्ती दल) ने महापे में साइकिल चालकों के एक समूह को देखा और उनसे पूछताछ की। 

साइकिल सवार मजदूरों ने बताया कि वे मुंबई के अलग-अलग इलाकों में काम करते थे और मदद के इंतजार में उनका जीवनयापन मुश्किल हो रहा है। परेशान होकर उन्होंने अपने बचत के पैसों से साइकिल खरीदा और घर जाने का फैसला किया।

मजदूरों ने बताया कि उन्होंने तीन दुकानों से साइकिल खरीदी और पुलिस को खरीददारी का बिल दिखाने को भी कहा। पुलिस ने तीनों दुकानदारों सहित मजदूरों पर भी धारा 188 के तहत केस दर्ज कर दिया। इसके साथ ही पुलिस ने उनकी साइकिलों को भी सीज कर दिया।

मुंबई मिरर के मुताबिक तुर्भे पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर सचिन राने के मुताबिक सभी मजदूरों ने भोजन न होने की शिकायत की है तो हम इन्हें 10 दिन का राशन उपलब्ध कराएंगे और इन्हें लॉकडाउन खुलने का इंतजार करने को कहा है।

उनका कहना है कि राशन मिलने के बाद सभी मजदूर रुकने के लिए तैयार हैं। एक मजदूर ने कहा कि जब से लॉकडाउन शुरू हुआ है उसकी कमाई पूरी तरह से बंद है। ऐसे में जो भी थोड़े रुपये बचे थे इसलिए उसने घर जाना उचित समझा।

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