वरिष्ठ पत्रकार, एकेडमीशियंस रहीस सिंह को पिछले तीन दशकों में पत्रकारिता क्षेत्र में प्रभावी दस्तक देने के साथ शिक्षा के क्षेत्र भी अतुलनीय कार्य के लिए पहचाना जाता है. आपने इतिहास, विदेश नीति, अंतर्राष्ट्रीय सम्बंध और अर्थनीति से जुड़ी 19 पुस्तकों की रचना की है, जिनका प्रकाशन राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रकाशन संस्थानों द्वारा किया गया है.Read More
कई सभ्यताओं के पतन की कहानी पढ़ते समय जो निष्कर्ष सामने आए वे बताते हैं कि सभ्यताओं का पतन (डिक्लाइन) क्रमिक रहा और ध्वंस अकस्मात हुआ. इसके बाद वे सिर्फ अपने निशान छोड़ पाईं, मूल्यों का तो हम सिर्फ अनुमान लगा सकते हैं और उनकी व्याख्या अपने-अपने ढंग स ...
इमाम का कहना था कि तालिबानी कभी नहीं थकेंगे क्योंकि उन्हें लड़ने की आदत है. वे अमेरिकी सेना को खदेड़ तो नहीं सकते लेकिन उसे थका सकते हैं. यह सच भी है कि जो तालिबान अस्सी के दशक से लगातार उसी भूमि पर लड़ रहे हैं, उन्हें अफगानिस्तान की भूमि पर युद्ध लड ...
दरअसल पाकिस्तान चाह रहा है कि मुस्लिम देशों का यह 57 सदस्यीय ब्लॉक अपने विदेश मंत्रियों की काउंसिल को तत्काल आहूत करे और फिर उसमें कश्मीर पर चर्चा की जाए. ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान को यह पता है कि ओआईसी संयुक्त राष्ट्र के बाद दूसरे नंबर की इंटरगवर् ...
प्रधानमंत्री का कहना है कि रक्षा और इकोनॉमी जैसे विषयों की जानकारी रखने वाले इस बात को जानते हैं कि भारत सिर्फ एक बाजार ही नहीं है, बल्कि वह पूरे विश्व के लिए एक अपार अवसर भी है. इसलिए उम्मीद की जा सकती है फिलहाल भारत में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में अ ...
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा 181 पृष्ठों वाले डाक्युमेंट में जिस इजराइल-फिलिस्तीन शांति का फारमूला पेश किया गया है, वह महाशक्तियों के ग्रेट गेम की वर्तमान कड़ी मात्र है. ...
भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि वह कैसे अमेरिका और ईरान के बीच संतुलन स्थापित करे क्योंकि भारत के लिए दोनों ही देश महत्वपूर्ण हैं और दोनों के साथ बहुत अच्छे रिश्ते हैं. ...
हमारी कूटनीति मूल रूप से श्रीकृष्ण, विदुर और चाणक्य की मूल प्रतिस्थापनाओं पर आधारित रही है जहां संवाद को प्राथमिकता दी गई है लेकिन ऐसा नहीं कि उसमें युद्घ का पुट नहीं है. संवाद की अनिवार्यता है लेकिन युद्घ के विकल्प भी हैं. ...
पिछले दिनों चरमपंथी संगठनों को मिलने वाली वित्तीय मदद की निगरानी करने वाली एजेंसी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को अंतिम रूप से चार महीने का समय दिया. यदि इस समयावधि में पाकिस्तान कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाता है तो एफएटीएफ उसे ...