एशियन गेम्स 2018: हिमा दास से लेकर मोहम्मद अनस तक, एथलेटिक्स में इन 5 दिग्गजों से मेडल की आस
By विनीत कुमार | Published: August 15, 2018 03:05 PM2018-08-15T15:05:55+5:302018-08-15T15:05:55+5:30
भारत ने एशियाड के इतिहास में अब तक 233 मेडल एथलेटिक्स में जीते हैं। इन 233 पदकों में 72 गोल्ड, 77 सिल्वर और 84 ब्रॉन्ज हैं।
नई दिल्ली, 15 अगस्त:एशियन गेम्स-2018 का आगाज 18 अगस्त से शुरू हो रहा है। ऐसे में मेडल्स की उम्मीद भारतीय एथलीट से सबसे ज्यादा है। इसका कारण भी है। भारत ने दरअसल एशियन गेम्स के इतिहास में सबसे अधिक मेडल एथलेटिक्स में ही जीते हैं। भारत ने एशियाड के इतिहास में अब तक 233 मेडल एथलेटिक्स में जीते हैं। इन 233 पदकों में 72 गोल्ड, 77 सिल्वर और 84 ब्रॉन्ज हैं।
साल-2014 में इंचियोन में हुए एशियन गेम्स में एथलेटिक्स से भारत ने 2 गोल्ड, 3 सिल्वर और 8 ब्रॉन्ज अपनी झोली में डाले थे। ऐसे में एक बार फिर भारतीय एथलीटों से पदक की उम्मीदें होंगी। आइए, नजर डालते हैं उन पांच दिग्गज भारतीय एथलीटों पर जिनसे पदक की सबसे ज्यादा आस है।
नीरज चोपड़ा: एशियन गेम्स 2018 में भारत के ध्वज वाहक रहने वाले जेवलिन थ्रोअर हाल के दिनों में भारतीय एथलीट्स में सबसे बड़ा नाम बनकर उभरे हैं। खासकर लंबी कूट की दिग्गज एथलीट अंजु बॉबी जॉर्ज के बाद से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नीरज बड़े भारतीय एथलीट बन कर उभरे हैं। हरियाणा के रहने वाले नीरज इसी साल कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता। हालांकि, जकार्ता में जब वे अपनी चुनौती पेश करेंगे तो चीनी और दक्षिण कोरियाई एथलीट से निपटने के लिए उन्हें खास कमाल करना होगा।
हिमा दास: आईएएएफ वर्ल्ड अंडर-20 चैंपियनशिप में 400 मीटर की रेस में 51.46 सेकेंड का समय निकालकर विश्व स्तर पर ट्रैक ऐंड फील्ड में गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय बनीं हिमा से मेडल की सबसे ज्यादा उम्मीदें होंगी। एशियन गेम्स में हिमा दास 400 मीटर की रेस के अलावा, 4x400 मीटर रिले और 200 मीटर रेस में भी हिस्सा लेंगी।
दुती चंद: भारत की सबसे तेज महिला धावकों में से एक ओडिशा की ये एथलीट एशियन गेम्स में 100 और 200 मीटर इवेंट में मेडल की सबसे बड़ी उम्मीद है। भारत ने इस वर्ग में लंबे समय से को मेडल नहीं जीता है। आखिरी बार 100 मीटर रेस में भारत ने 1986 में गोल्ड मेडल जीता था। तब दिग्गज पीटी उषा ने यह कारनामा किया था।
मोहम्मद अनस याहिया: केरल के इस एथलीट की तुलना कई बार मिल्खा सिंह से की जाती रही है। इसी बार गोल्ड कोस्ट में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में अनस 400 मीटर के फाइनल में मिल्खा सिंह के बाद पहुंचने वाले दूसरे भारतीय बने थे। अनस फाइनल में नये राष्ट्रीय रिकॉर्ड 45.31 सेकेंड के साथ चौथे स्थान पर रहे थे। पिछले महीने चेक रिपब्लिक में भी अनस 45.24 सेकेंड का समय निकालने में कामयाब रहे थे। अगर सब कुछ सही रहा तो मिल्खा के टोक्यो (1958), जकार्ता (1962) और अजमेर सिंह (1966) के बाद अनस से इस एशियन गेम्स में मेडल की उम्मीद की जा सकती है।
सीमा पूनिया: पिछले कुछ वर्षों में कुछ मौकों पर निराशाजनक प्रदर्शन के बावजूद डिस्कस थ्रोअर सीमा से अब भी मेडल की उम्मीद की जा सकती है। सीमा ने 2014 में इंचियोन में हुए एशियन गेम्स में गोल्ड जीता था। यही नहीं, इस बार भी कॉमनवेल्थ गेम्स में तमाम आलोचनाओं के बावजूद सिल्वर मेडल जीता।
महिला 4 गुणा 400 मीटर रिले से भी मेडल की उम्मीद: भारत की महिलाओं की 4 गुणा 400 मीटर रिले टीम पिछले तीन एशियन गेम्स में इस इवेंट का गोल्ड अपने नाम करती आ रही है। 2006 में दोहा में हुए खेलों के बाद 2010 में ग्वांगझू और फिर 2014 में इंचियोन की सफलता की कहानी से इस टीम से उम्मीदें सातवें आसमान पर हैं। नई स्टार हिमा दास इसमें अग्रणी भूमिका निभा सकती हैं।