Lok Sabha Elections 2024: बिना लड़े ही मैदान से हटे गुलाम नबी आजाद, लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगें

By सुरेश एस डुग्गर | Published: April 17, 2024 08:11 PM2024-04-17T20:11:44+5:302024-04-17T20:14:41+5:30

गुलाम नबी आजाद से ऐलान किया है कि वो लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। अनंतनाग-राजौरी सीट से उनकी पार्टी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) ने उन्हें उम्मीदवार घोषित किया था। उनकी पार्टी से एडवोकेट मोहम्मद सलीम परे अब इस सीट से चुनाव लड़ेंगे।

Former Jammu and Kashmir Chief Minister Ghulam Nabi Azad will not contest Lok Sabha elections | Lok Sabha Elections 2024: बिना लड़े ही मैदान से हटे गुलाम नबी आजाद, लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगें

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद

Highlightsगुलाम नबी आजाद लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगेंवे विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक हैंगुलाम नबी आजाद की पार्टी नेताओं से एक दो घंटे बैठक चली

Lok Sabha Elections 2024: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगें। अभी तक उनकी उम्मीदवारी को लेकर उनकी पार्टी के कार्यकर्ता बेहद खुश थे। पर अब उनकी खुशी काफूर हो गई है। आजाद के करीबी सूत्रों के बकौल, वे विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं और पार्टी उन्हें मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर पेश करना चाहेगी।

गुलाम नबी आजाद से ऐलान किया है कि वो लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। अनंतनाग-राजौरी सीट से उनकी पार्टी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) ने उन्हें उम्मीदवार घोषित किया था। उनकी पार्टी से एडवोकेट मोहम्मद सलीम परे अब इस सीट से चुनाव लड़ेंगे। गुलाम नबी आजाद को 2014 में कठुआ-उधमपुर लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के डा जितेंद्र सिंह ने हराया था। इसी सीट से पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती भी चुनावी मैदान में हैं।

पार्टी के प्रोविंशियल प्रेसिडेंट अमीन भट्टा ने बताया कि आज गुलाम नबी आजाद की पार्टी नेताओं से एक दो घंटे बैठक चली। इस बैठक में फैसला लिया गया कि सलीम परे अनंतनाग-राजौरी सीट से पार्टी के उम्मीदवार होंगे। गुलाम नबी आजाद ने ये फैसला क्यों लिया, इस पर पार्टी नेता ने कहा कि इसके पीछे कुछ वजह हैं। सभी ने सहमति से सलीम परे को उम्मीदवार बनाने का फैसला किया।

जम्मू कश्मीर की पांच लोकसभा सीटों में अनंतनाग-राजौरी संसदीय क्षेत्र से गुलाम नबी आजाद के चुनाव लड़ने की तैयारी थी। यह घोषणा डीपीएपी के कोषाध्यक्ष ताज मोहिउद्दीन ने श्रीनगर में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान की थी। लेकिन बुधवार को अचानक उनके चुनाव मैदान में उतरने की खबर से सब हैरान रह गए। 

उनके द्वारा मैदान में न उतरने की घोषणा पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि गुलाम नबी आजाद हार के डर से चुनाव नहीं लड़ रहे, इस सवाल के जवाब में अमीन भट्ट ने कहा कि ये उमर साहब की बौखलाहट है। आजाद साहब ने महाराष्ट्र में दो बार इलेक्शन जीता है। वो थोड़ी डरेंगे। आजाद, जो जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री भी हैं, ने मतदाताओं की प्रतिक्रियाएं जानने के लिए पहले कई सार्वजनिक बैठकें की थीं। उन्होंने कहा था कि बहुत से लोग मुझसे चुनाव लड़ने के लिए कहते रहे हैं। मेरी संसद में रहने की मांग है। लेकिन ऐसी आवाजें भी हैं जो चाहती हैं कि मैं विधानसभा चुनाव लड़ूं।

जानकारी के लिए अभी तक राज्य से मात्र एक बार विधानसभा का चुनाव जीत पाने वाले गुलाम नबी आजाद कई सालों तक राज्यसभा का सदस्य रहे हैं। अपने 47 साल के राजनीतिक कैरियर में उन्होंने राज्य में मात्र तीन बार ही किस्मत आजमाई थी। हालांकि 1977 में पहली बार जमानत जब्त करवाने वाले गुलाम नबी आजाद ने 30 सालों के बाद वोट पाने का रिकार्ड तो बनाया था लेकिन अब सवाल पैदा हो गया था कि कि क्या वे अब कश्मीर से लोकसभा चुनाव में अगर किस्मत आजमाते हैं तो वे जीत सकेंगें या नहीं क्योंकि एक बार 2014 में वे लोकसभा का चुनाव हार चुके हैं।

Web Title: Former Jammu and Kashmir Chief Minister Ghulam Nabi Azad will not contest Lok Sabha elections

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