रूढ़िवादी देश पाकिस्तान की एक महिला बना रही है ‘सेनेटरी पैड’, समुदाय के लोग करते थे अपमान

By भाषा | Published: September 16, 2019 06:28 AM2019-09-16T06:28:35+5:302019-09-16T06:28:35+5:30

शुरूआत में हाजरा बीबी के काम में स्थानीय समुदाय ने व्यवधान डाला था। बीबी ने कहा, ‘‘पहले लोग मुझसे पूछते थे कि मैं ऐसा क्यों कर रही हूं। कुछ लोग मेरा अपमान भी करते थे।’

Women in Pakistan sew sanitary pads to break period taboo for girls | रूढ़िवादी देश पाकिस्तान की एक महिला बना रही है ‘सेनेटरी पैड’, समुदाय के लोग करते थे अपमान

प्रतीकात्मक फोटो

Highlightsहाजरा ने कहा अब गांव की लड़कियां अपने माहवारी के बारे में बात कर सकती हैं।हाजरा ने कहा कि वह महिलाओं की आधारभूत जरूरतों के लिए लड़ रही हैं।

पाकिस्तान के पश्चिमोत्तर क्षेत्र में स्थित एक पर्वतीय गांव की महिला हाजरा बीबी हाथ की सिलाई मशीन से महिलाओं के लिए ‘सेनेटरी पैड’ बनाती है। यह गांव इस रूढ़िवादी देश के उन ग्रामीण इलाकों में से एक है जहां अभी भी माहवारी को एक वर्जित विषय माना जाता है।

अफगानिस्तान की सीमा के निकट स्थित बूनी गांव में एक छोटी सी मेज पर बैठी 35 वर्षीय इस महिला ने कहा, ‘‘मैं इस संकट से निपट रही हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इससे पहले बूनी की महिलाओं को नहीं पता था कि सेनेटरी पैड क्या होते हैं।’’

पाकिस्तान के इन ग्रामीण इलाकों में महिलाएं अपने मासिक धर्म के खून को सोखने के लिए परंपरागत रूप से कपड़ों के टुकड़ों का इस्तेमाल करती हैं, लेकिन माहवारी के संबंध में जानकारियों के अभाव के कारण महिलाएं संक्रमण का शिकार हो जाती हैं।

यूनिसेफ के साथ काम करने वाले एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘आगा खान रूरल सपोर्ट प्रोग्राम’ (एकेआरएसपी) ने महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति नजरिए को बदलने के उद्देश्य से हाजरा बीबी को सूती, प्लास्टिक और कपड़े से बनने वाले ‘डिस्पोजेबल’ सेनेटरी पैड बनाने का प्रशिक्षण दिया था। इस महिला ने अपने परिवार को सहारा देने के लिए यह काम संभाला क्योंकि उसका पति दिव्यांग है और उनकी बहुत कम आय है। प्रत्येक पैड को बनाने में लगभग 20 मिनट लगते हैं और इसे 20 रुपये में बेचा जाता है।

शुरूआत में हाजरा बीबी के काम में स्थानीय समुदाय ने व्यवधान डाला था। बीबी ने कहा, ‘‘पहले लोग मुझसे पूछते थे कि मैं ऐसा क्यों कर रही हूं। कुछ लोग मेरा अपमान भी करते थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अब ‘‘गांव की लड़कियां अपनी माहवारी के बारे में बात कर सकती हैं।’’ उन्होंने कहा कि वह ‘‘महिलाओं की आधारभूत जरूरतों के लिए लड़ रही है।’’

Web Title: Women in Pakistan sew sanitary pads to break period taboo for girls

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