जूलियन असांजे प्रत्यर्पित की अनुमति देने वाले फैसले को दे सकेंगे चुनौती, ब्रिटिश कोर्ट ने दिया मौका
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 24, 2022 05:53 PM2022-01-24T17:53:09+5:302022-01-24T18:03:05+5:30
जासूसी कानून तोड़ने सहित 18 आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे असांजे को अमेरिका में प्रत्यर्पित किए जाने की अनुमति देने वाले फैसले को चुनौती देने का मौका दिया गया।
लंदन: विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे को सोमवार को थोड़ी राहत मिली है। जासूसी कानून तोड़ने सहित 18 आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे असांजे को अमेरिका में प्रत्यर्पित किए जाने की अनुमति देने वाले फैसले को ब्रिटेन की सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का मौका मिला है। सोमवार को जूलियन असांजे को ब्रिटिश हाई कोर्ट ऑफ जस्टिस ने प्रत्यर्पित किए जाने की अनुमति देने वाले फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की अनुमति दी है।
ऑस्ट्रेलियाई मूल के 50 वर्षीय वर्षीय जूलियन असांजे के खिलाफ यूएस अधिकारी अमेरिकी सैन्य गोपनीय दस्तावेज का खुलासा करने समेत 18 मामलों में मुकदमे का सामना करने की मांग कर रहे हैं।
पिछले वर्ष के आखिरी माह दिसंबर में लंदन के उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए यह कहा था कि असांजे को प्रत्यर्पित नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। कोर्ट ने कहा था ऐसे हालात में प्रत्यर्पित करने से उसे आत्महत्या का खतरा हो सकता है।
WikiLeaks founder Julian Assange was granted permission by the British High Court of Justice to appeal to the Supreme Court
— Kevin Gosztola (@kgosztola) January 24, 2022
ऑस्ट्रेलिया में जन्मे असांजे पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका से संबंधित गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजनिक किया था। उन्हें साल 2010 में स्वीडन के आग्रह पर लंदन में जूलियन असांजे को गिरफ्तार कर लिया गया था। स्वीडन दो महिलाओं द्वारा लगाए गए बलात्कार और यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर असांजे से पूछताछ करना चाहता था।
स्वीडन भेजे जाने से बचने के लिए असांजे 2012 में लंदन स्थित इक्वाडोर के दूतावास में शरण ली थी। इस तरह वह ब्रिटेन और स्वीडन के अधिकारी की पहुंच से दूर हो गए और अप्रैल 2019 में दूतावास से बाहर आने पर ब्रिटिश पुलिस ने उन्हें जमानत लेकर भागने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।