अमेरिका की गिरफ्त में होंगे विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे, ब्रिटेन सरकार ने प्रत्यर्पण की दी मंजूरी, अपील के लिए 14 दिनों का वक्त

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 18, 2022 09:20 AM2022-06-18T09:20:07+5:302022-06-18T09:32:38+5:30

अमेरिका भेजे जाने से बचने के लिए असांजे की वर्षों तक चली कानूनी लड़ाई में यह एक बड़ा मोड़ है। हालांकि असांजे के प्रयासों का यह अंत नहीं है और उनके पास इसके खिलाफ अपील करने के लिए 14 दिन का समय है।

WikiLeaks founder Julian Assange will be in US custody, UK government approves extradition | अमेरिका की गिरफ्त में होंगे विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे, ब्रिटेन सरकार ने प्रत्यर्पण की दी मंजूरी, अपील के लिए 14 दिनों का वक्त

अमेरिका की गिरफ्त में होंगे विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे, ब्रिटेन सरकार ने प्रत्यर्पण की दी मंजूरी, अपील के लिए 14 दिनों का वक्त

Highlightsजूलियन असांजे 2019 से लंदन की बेलमर्श जेल में बंद हैंप्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने के लिए असांजे के पास 14 दिन का समय हैविकीलीक्स ने प्रत्यर्पण को लेकर कहाकि यह प्रेस की स्वतंत्रता और ब्रिटिश लोकतंत्र के लिए एक काला दिन है

लंदनः ब्रिटेन की सरकार ने शुक्रवार को विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे के अमेरिका प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी। असांजे पर इराक और अफगानिस्तान में युद्ध से संबंधित गोपनीय दस्तावेजों के लीक होने संबंधी आरोप हैं। ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने इस बाबत आदेश जारी कर कहा कि गृह मंत्री प्रीति पटेल ने 50 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई नागरिक असांजे के प्रत्यर्पण आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। अमेरिका भेजे जाने से बचने के लिए असांजे की वर्षों तक चली कानूनी लड़ाई में यह एक बड़ा मोड़ है। हालांकि असांजे के प्रयासों का यह अंत नहीं है और उनके पास इसके खिलाफ अपील करने के लिए 14 दिन का समय है।

असांजे की कानूनी टीम की जवाबी अपील से कानूनी लड़ाई का एक और दौर फिर से शुरू होने की उम्मीद है। ब्रिटेन के गृह विभाग के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘17 जून को, मजिस्ट्रेट अदालत और उच्च न्यायालय दोनों के विचार के बाद जूलियन असांजे के अमेरिका प्रत्यर्पण का आदेश दिया गया। असांजे के पास अपील करने के लिए 14 दिन का समय है।’’ उन्होंने कहा कि प्रत्यर्पण कानून 2003 के तहत यदि आदेश को रोकने का कोई अधार नहीं होता है तो प्रत्यर्पण आदेश पर गृह मंत्री के हस्ताक्षर अनिवार्य होते हैं। प्रत्यर्पण आग्रह गृह मंत्री को केवल तभी भेजा जाता है जब कोई न्यायाधीश विभिन्न पहलुओं पर गौर करते हुए इस पर निर्णय सुना देता है।’’

प्रवक्ता ने आगे कहा, ‘‘ब्रिटेन की अदालतों ने यह नहीं पाया है कि ‘असांजे का प्रत्यर्पण दमनकारी, अन्यायपूर्ण या प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा।’ उन्होंने कहा कि अदालतों ने यह भी नहीं पाया कि असांजे का प्रत्यर्पण उनके मानवाधिकारों, निष्पक्ष मुकदमे के अधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ होगा या अमेरिका में उनसे अच्छा व्यवहार नहीं किया जाएगा। असांजे कहते रहे हैं कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। वह 2019 में इक्वाडोर के दूतावास से हिरासत में लिए जाने के बाद से लंदन की बेलमर्श जेल में बंद हैं।

असांजे ने इक्वाडोर दूतावास में उन्होंने शरण ली थी। वह स्वीडन में यौन अपराध के आरोपों का सामना करने के लिए प्रत्यर्पण से बचने के वास्ते 2012 से दूतावास में रह रहे थे। उन्होंने यौन अपराध के आरोपों का खंडन किया था और अंतत: ये आरोप हटा लिए गए थे। विकीलीक्स ने ट्विटर पर एक बयान में कहा, “आज लड़ाई का अंत नहीं है। यह केवल एक नई कानूनी लड़ाई की शुरुआत है। हम कानूनी प्रणाली के माध्यम से अपील करेंगे।" बयान में कहा गया, "यह प्रेस की स्वतंत्रता और ब्रिटिश लोकतंत्र के लिए एक काला दिन है।"

जूलियन असांजे के अमेरिका प्रत्यर्पण को लेकर पत्नी स्टेला मोरिस की आई प्रतिक्रिया

ऑस्ट्रेलियाई नागरिक असांजे ने इस साल मार्च में जेल में रहते हुए दक्षिण अफ्रीका में जन्मी 38 वर्षीय स्टेला मोरिस से शादी की थी। दंपति के दो बेटे- चार वर्षीय गेब्रियल और दो वर्षीय मैक्स हैं। मोरिस ने शुक्रवार की घोषणा के बाद कहा, "इस देश में जो कोई भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की परवाह करता है, उसे बहुत शर्म आनी चाहिए कि गृह मंत्री ने जूलियन असांजे के अमेरिका प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है, जिस देश ने उनकी हत्या की साजिश रची थी।" उन्होंने कहा, ‘‘जूलियन ने कुछ भी गलत नहीं किया। उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है और वह अपराधी नहीं हैं। वह एक पत्रकार और एक प्रकाशक हैं, और उन्हें अपना काम करने के लिए दंडित किया जा रहा है।’’

Web Title: WikiLeaks founder Julian Assange will be in US custody, UK government approves extradition

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