विकीलीक्स संस्थापक जूलियन असांजे की मौत ब्रिटिश जेल में हो सकती है, 60 डॉक्टरों का ब्रिटेन के गृह सचिव को खुला पत्र
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 25, 2019 10:35 AM2019-11-25T10:35:12+5:302019-11-25T10:35:12+5:30
विकीलीक्स के संस्थापक 48 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई जूलियन असांजे इन दिनों जासूसी अधिनियम के तहत दायर आरोपों में एक ब्रिटिश जेल में बंद हैं। उनके बारे में 60 ब्रिटिश डॉक्टरों की टीम ने ब्रिटेन के गृह सचिव को खुला पत्र लिखकर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी है। डॉक्टरों ने अपने पत्र में लिखा है कि विकीलीक्स के संस्थापक असांजे की मौत ब्रिटिश जेल में हो सकती है।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि ब्रिटेन से अमेरिका प्रत्यार्पित करने के लिए कानूनी प्रक्रिया चल रही है। सूत्रों के हवाले से यह बात सामने आ रही है कि अमेरिकी जेल में असांजे को 175 साल तक की सजा सुनाई जा सकती है।
इस बीच 60 से अधिक डॉक्टरों ने सोमवार को एक खुला पत्र लिखा जो मीडिया में प्रकाशित भी हुआ है। इस पत्र में लिखा गया है कि जूलियन असांजे की सेहत इतनी खराब है कि विकीलीक्स के संस्थापक एक शीर्ष-सुरक्षा ब्रिटिश जेल के अंदर मर सकते हैं।
48 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई अभी भी जासूसी अधिनियम के तहत दायर आरोप में ब्रिटेन के जेल में बंद हैं। ब्रिटेन से उसे प्रत्यर्पित करने के लिए अमेरिकी कानूनी लड़ाई लड़ रहा है, यह संभव है कि उसे अमेरिकी जेल में 175 साल तक की सजा हो सकता है।
इसके अलावा ब्रिटेन की आंतरिक मंत्री गृह सचिव प्रीति पटेल को लिखे पत्र में, डॉक्टरों ने असांजे को दक्षिण-पूर्व लंदन की बेल्मश जेल से विश्वविद्यालय के शिक्षण अस्पताल में ले जाने के लिए कहा है।
इसके अलावा इस पत्र में यह भी लिखा है कि श्री असांजे को उनके शारीरिक और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य की स्थिति के लिए तत्काल विशेषज्ञ चिकित्सा मूल्यांकन की आवश्यकता है"।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार के स्वतंत्र विशेषज्ञ ने कहा कि असांजे का जिस तरह से उत्पीड़न किया जा रहा है वह उनके जीवन के लिए घातक हो सकता है। डॉक्टरों ने 16 पृष्ठों के इस खुले पत्र में कहा, ‘‘ हमने चिकित्सक के तौर पर यह पत्र जूलियन असांजे के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में हमारी गंभीर चिंताओं को व्यक्त करने के लिए लिखा है।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘ असांजे के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें तत्काल विशेषज्ञ चिकित्सा की आवश्यकता है। ’’