नेल्सन मंडेला को याद करना क्यों भूल गया गूगल, आज है 100वां जन्मदिन
By रामदीप मिश्रा | Published: July 18, 2018 09:42 AM2018-07-18T09:42:53+5:302018-07-18T09:42:53+5:30
नेल्सन मंडेला 1994 देश के पहले लोकतांत्रिक चुनाव में जीत कर दक्षिण अफ्रिका के राष्ट्रपति बने।
नई दिल्ली, 18 जुलाईः दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद की लड़ाई लड़ने वाले और अश्वेतों को सिर उठाकर जीने का दर्जा दिलाने वाले नेल्सन मंडेला का आज 100वां जन्मदिन है। इस खास दिन को उन्हें हर कोई याद कर रहा है। हालांकि, गूगल उनके बर्थडे पर डूडल बनाकर सेलिब्रेट नहीं कर रहा है। उसने नेल्सन के बर्थडे को साल 2014 में गूगल डूडल बनाकर सेलिब्रेट किया था।
नेल्सन का जन्म दक्षिण अफ्रीका की बासा नदी के किनारे ट्रांस्की के मवेंजो गांव में 18 जुलाई 1918 को हुआ था। उनकी माता का नाम नोमजामो विनी मेडीकिजाला था। वे एक मैथडिस्ट थीं। पिता का नाम गेडला हेनरी था। वे गांव के प्रधान थे। नेल्सन मंडेला ने शुरुआती शिक्षा क्लार्कबेरी मिशनरी स्कूल में और स्नातक शिक्षा हेल्डटाउन में ली।
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नेल्सन मंडेला ने रंगभेद के खिलाफ अपनी आवाज उठाई और और उनकी इस क्रांति की राह से परिवार बहुत चिंतित था। परिवार ने उनका विवाह करा दिया और उन्हें जिम्मेदारियों में बांधने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने अपने निजी जीवन को दरकिनार कर दिया और घर से भाग गए थे।
1989 में दक्षिण अफ्रिका में सत्ता परिर्वतन होने के बाद जेल में बंद नेल्सन को रिहा किया गया। 11 फरवरी 1990 को मंडेला पूरी तरह से आजाद हो गए। 1994 देश के पहले लोकतांत्रिक चुनाव में जीत कर दक्षिण अफ्रिका के राष्ट्रपति बने।
आपको बता दें, 1993 में 'नेल्सन मंडेला' को शांती के लिए नोबल पुरस्कार दिया गया। 1990 में भारत ने उन्हें देश के सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया। मंडेला, भारत रत्न पाने वाले पहले विदेशी हैं।
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