बर्लिन, 4 सितंबरः गूगल ने मंगलवार को जर्मनी के मूर्तिकार, चित्रकार, डिजाइनर और कोरियोग्राफर ऑस्कर श्लेमर पर डूडल बनाकर उनकी 130वीं जयंती मनाई है। उनका सबसे प्रसिद्ध काम "ट्रायडिश बैलेट" है, जिसमें कलाकारों को सामान्य से ज्यामितीय आकार में स्थानांतरित किया जाता है। इसीलिए गूगल ने अपने डूडल में ऑस्कर की तस्वीर लगाने के बजाए इसी कला का एक रूप प्रस्तुत किया है। 1923 में उन्हें मूर्तिकला की कार्यशाला में कुछ समय काम करने के बाद, बौउस थिएटर कार्यशाला में मास्टर ऑफ फॉर्म के रूप में नियुक्त किया गया था।
ऑस्कर को सबसे ज्यादा एक पेंटर के रूप में याद किया जाता है। क्योंकि उनकी पेंटिंग आज बेहद प्रासांगिक और चौंकाने वाली मालूम होती हैं। ऑस्कर को उनके वास्तु की समझ और मानव शरीर को बखूबी एक मूर्ति का रूप देने के लिए जाना जाता था। कहते हैं उन्हें शिल्पकारी, मूर्तिकारी, चित्रकारी, यहां तक फैशन व कोरियोग्राफी की दुनिया में करीब-करीब सभी उन्होंने कलाओं में महारत था। उन्हें मानव शरीर रचना अद्भुत जानकारी थी।
उनका जन्म 4 सितंबर 1888 को जर्मनी के स्टटगार्ट शहर में हुआ था। उनके पिता का नाम कार्ल लियोहार्ड और माता का नाम मीना नेहस था। ऑस्कर अपने माता-पिता के छह बेटे-बेटियों में सबसे छोटे थे। केवल 12 साल के उम्र में उनके पिता का निधन हो गया था। इसके बाद वे अपनी बहन के साथ रहने और महज 15 साल की उम्र में ही अपने लिए कमाना शुरू कर दिया।
उन्होंने इसी दौरान उन्होंने अपने शहर स्टटगार्ट में की एक मरकेन्ट्री नाम की वर्कशॉप में ग्राफिक डिजाइनिंग भी सिखा। यही से उनका रुझान कला की ओर बढ़ा। इसलिए उन्होंन 1910 में कला स्कूल जाकर विभिन्न कला के बारे में जानकारियां इक्ट्ठा की। इस दौरान उनकी तेजी और कला प्रति झुकाव देखकर उन्हें छात्रवृत्ति दी जाने लगी। इससे उन्होंने जर्मनी की कला अकादमी का रास्ता तय किया।
यहां शिक्षा प्राप्त करने के बाद ऑस्कर जर्मनी की राजधानी बर्लिन आए और पेटिंग करने लगे। लेकिन महज चार साल बाद यानी 1914 में उन्होंने खुद का कला स्कूल ओपेन किया और वहीं पर उन्होंने अपनी का कला का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। उनका निधन 13 अप्रैल 1943 को जर्मनी के बाडेन-बाडेन शहर में हुआ।