कौन है 'अल-शबाब' जिसने सोमालिया की राजधानी में ले ली 12 लोगों की जान? 26/11 जैसा हमला किया
By शिवेंद्र राय | Published: August 20, 2022 03:19 PM2022-08-20T15:19:46+5:302022-08-20T15:22:37+5:30
सोमालिया की राजधानी मोगादिशु में 'अल-शबाब' नाम के आतंकी संगठन के हमले में 12 लोग मारे गए हैं। हमला हयात होटल पर किया गया था। 'अल-शबाब' आतंकी समूह का बड़े आतंकवादी संगठन अल-कायदा से संबंध है।
मोगादिशु: सोमालिया की राजधानी मोगादिशु में हयात होटल पर हुए आतंकी हमले में 12 लोगों की जान चली गई है। ये हमला अल-कायदा से जुड़े 'अल-शबाब' नाम के आतंकी संगठन के आतंकियों ने किया। 'अल-शबाब' ने इस हमले की जिम्मेदारी भी ली है। सोमालिया की राजधानी मोगादिशु में हयात होटल पर किया गया हमला बिल्कुल वैसा ही था जैसे 26/11 के समय पाकिस्तानी आतंकियों ने ताज पर किया था। 'अल-शबाब' के आतंकियों ने हयात होटल को लगभग 15 घंटे तक अपने कब्जे में रखा। इस हमले में 12 लोगों की मृत्यु के अलावा कई अन्य गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं।
इस आतंकी हमले के दौरान सोमालिया की खुफिया एजेंसी से जुड़े बड़े अधिकारी हयात होटल में ही बैठक कर रहे थे। जानकारी के मुताबिक एक वरिष्ठ अधिकारी भी हमले में घायल हुए हैं। आतंकी हमले में दो बड़े उद्योगपतियों के अलावा होटल का मालिक को भी अपनी जान गवानी पड़ी।
अल-शबाब के आतंकी हयात होटल के सबसे उपरी मंजिल पर डेरा जमाए हुए थे। इसके कारण सुरक्षाबलों को होटल को आतंकी कब्जे से छुड़ाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। सुरक्षाबलों को 15 घंटे की मशक्कत के बाद होटल को आतंकियों के कब्जे से छुड़ाने में कामयाबी मिली।
कौन है 'अल-शबाब'
कई देशों में खतरनाक आतंकी वारदातों को अंजाम दे चुके 'अल-शबाब' की गिनती दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकी संगठनों में होती है। इसके लड़ाकों को अफगानिस्तान में तालिबान से ट्रेनिंग मिली है। साल 2006 में बनाए गए इस खूंखार संगठन का पूरा नाम हरकत अल-शबाब अल-मुजाहिद्दीन है। 'अल-शबाब' को बनाने के पीछे का उद्देश्य सोमालिया की सरकार का तख्तापलट करना देश की सत्ता पर कब्जा जमाना है। सोमालिया, इथियोपिया और केन्या में विशेष प्रभाव रखने वाले 'अल-शबाब' का जाल अफ्रीका, यूरोप और अमेरिका तक फैला हुआ है। इस आतंकी संगठन का मुखिया अहमद उमर है। अमेरिका ने इस संगठन को 2008 में आतंकी संगठन घोषित किया था। 'अल-शबाब'ने साल 20 छात्रों को मौत के घाट उतार दिया था। साल 2016 में ही इस खतरनाक आतंकी संगठन ने 180 केन्याई सैनिकों की जान ले ली थी।