बिना लक्षण वाले मरीजों से कोरोना नहीं फैलने के दावे से पलटा WHO, सफाई में कहा- सटीक जवाब के लिए ज्यादा रिसर्च की जरूरत
By सुमित राय | Published: June 10, 2020 03:28 PM2020-06-10T15:28:36+5:302020-06-10T15:28:36+5:30
डब्ल्यूएचओ की महामारी विशेषज्ञ डॉ. मारिया वेन ने अपने उस दावे पर सफाई दी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि बिना लक्षण वाले मरीजों से कोरोना का फैलना दुर्लभ है।
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) अपने उस दावे पर पीछे हट गया है, जिसमें कहा गया था कि कोरोना के बिना लक्षण वाले (एसिम्प्टोमैटिक) मरीजों से यह बीमारी दूसरों में मुश्किल से फैलती है यानि दुर्लभ है। डब्ल्यूएचओ ने सफाई देते हुए कहा है कि एसिम्प्टोमैटिक मरीजों से संक्रमण न फैलने की बात गलत है।
बता दें कि डब्ल्यूएचओ की महामारी विशेषज्ञ डॉ. मारिया वेन ने सोमवार को कहा था, "एसिम्प्टोमैटिक मरीजों (बिना लक्षण वाले) से भी संक्रमण फैल सकता है, लेकिन कोरोना वायरस के बढ़ते मामले की वजह ये मरीज नहीं हैं।" उन्होंने कहा था कि एसिम्प्टोमैटिक मरीजों से कोरोना फैलने के मामले काफी दुर्लभ हैं।
डॉक्टर मारिया ने गलतफहमी को किया दूर
अब डॉक्टर मारिया ने सफाई दी है और अपनी टिप्पणी पर गलतफहमी को दूर किया है। उन्होंने कहा, "मैंने जिस चीज का उल्लेख किया था वह बहुत कम अध्ययन, कुछ दो या तीन अध्ययन जो प्रकाशित हुए हैं उसके मुताबिक था। मुझे लगता है कि यह बताने की गलतफहमी है कि वैश्विक स्तर पर एसिम्टोमैटिक मरीजों से संक्रण बहुत दुर्लभ है।"
सटिक जवाब के लिए ज्यादा रिसर्च की जरूरत
डॉक्टर मारिया ने कहा था कि हमारे पास कई देशों से रिपोर्ट आई हैं कि एसिम्प्टोमैटिक मरीजों से संक्रमण फैला है। हालांकि इसका सटीक जवाब जानने के लिए अभी ज्यादा रिसर्च और ज्यादा डेटा सामने आना जरूरी है। उन्होंने कहा कि संक्रमण के बढ़ते खतरे के बीच सरकारों का फोकस संक्रमितों का पता लगाने और उन्हें आइसोलेट करने पर होना चाहिए। मरीजों के संपर्क में आने वालों पर नजर रखना भी जरूरी है।
भारत में पहली बार एक्टिव केस से ज्यादा हुई ठीक लोगों की संख्या
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देशभर में 276583 लोग कोरोना वायरस संक्रमित हो चुके हैं, जिसमें से 7745 लोगों की मौत हो चुकी है। देशभर में 135205 कोरोना वायरस से ठीक हो चुके हैं और 133632 एक्टिव केस मौजूद हैं। ऐसा पहली बार हुआ है जब कोरोना के ठीक हुए लोगों की संख्या एक्टिव केस से ज्यादा हो चुकी है।