क्या है 'तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान'? जो पाकिस्तान में शरिया लागू करने के लिए जंग छेड़े हुए है

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: November 4, 2023 05:53 PM2023-11-04T17:53:42+5:302023-11-04T17:54:56+5:30

तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान का इतिहास कुछ खास पुराना नहीं है। यह एक अपेक्षाकृत नया आतंकवादी समूह है। इसने 24 फरवरी को 2023 को अपने गठन की घोषणा की थी। माना जाता है कि यह समूह मुख्य रूप से बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में सक्रिय है।

What is 'Tehreek-e-Jihad Pakistan', which is waging a war to implement Sharia in Pakistan? | क्या है 'तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान'? जो पाकिस्तान में शरिया लागू करने के लिए जंग छेड़े हुए है

यह समूह मुख्य रूप से बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में सक्रिय है

Highlightsतहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान का इतिहास कुछ खास पुराना नहीं हैयह एक अपेक्षाकृत नया आतंकवादी समूह हैपाकिस्तान में शरिया कानून का धार्मिक संस्करण लागू करना चाहता है

नई दिल्ली:  पाकिस्तान में  वायु सेना के मियांवाली ट्रेनिंग एयर बेस पर  4 नवंबर, 2023 की सुबह  एक घातक आतंकी हमला हुआ। सुरक्षाबलों ने इसे असफल कर दिया और  हमलावरों को मार गिराया। पाकिस्तानी सेना के मीडिया विंग के अनुसार हमले में कई विमानों को भी नुकसान हुआ है। तालिबान से जुड़े तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान (टीजेपी) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। यह संगठन पहले भी सुरक्षा बलों के खिलाफ आतंकवादी कृत्यों में शामिल रहा है। टीजेपी का नाम सामने आने के बाद लोग यह जानने का प्रयास कर रहे हैं कि आखिर यह संगठन है क्या।

क्या है तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान 

तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान का इतिहास कुछ खास पुराना नहीं है। यह एक अपेक्षाकृत नया आतंकवादी समूह है। इसने 24 फरवरी को 2023 को अपने गठन की घोषणा की थी। माना जाता है कि यह समूह मुख्य रूप से बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में सक्रिय है। इसकी स्थापना पाकिस्तान के खिलाफ जिहाद छेड़ने के इरादे से की गई थी ताकि इसे एक इस्लामिक राज्य में बदल दिया जा सके। यह संगठन तालिबान की ही तरह पाकिस्तान में  शरिया कानून का धार्मिक संस्करण लागू करना चाहता है।

टीजेपी के प्रवक्ता मुल्ला मुहम्मद कासिम ने फरवरी में सोशल मीडिया पर घोषणा की कि मौलाना अब्दुल्ला यागिस्तानी समूह का नेता है। जिहादी विचारधारा में यकीन करने वाले तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान के बारे में माना जाता है कि यह  तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान से अलग हुए संगठन है। हालांकि इस संगठन के आतंकियों ने टीटीपी के साथ एकजुट होने से परहेज किया है।

24 फरवरी को जारी एक बयान में, समूह ने अपनी विचारधारा के लिए प्रेरणा के रूप में "शेख-उल-हिंद" का उल्लेख करते हुए अपने उद्देश्यों को रेखांकित किया था। "शेख-उल-हिंद" भारतीय मौलवी महमूद हसन देवबंदी के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक उपाधि है।  जिहादी आंदोलन शुरू करने के बाद ब्रिटिश औपनिवेशिक शासकों ने महमूद हसन देवबंदी को माल्टा में जेल में डाल दिया था। टीजेपी का मानना ​​है कि पाकिस्तान की आजादी के बाद शेख-उल-हिंद का आंदोलन नष्ट हो गया। 

तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान की घोषणा के अनुसार सशस्त्र जिहाद के अलावा, पाकिस्तान में इस्लामी व्यवस्था लागू करना संभव नहीं है। संगठन कहाता है कि इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए, फिलहाल सैकड़ों मुजाहिदीन और इस्लाम के दर्जनों फिदायीन (शहादत चाहने वाले) धन और शरीर के साथ बलिदान देने के लिए हमेशा तैयार हैं। इनके निशाने पर  पाकिस्तान के सुऱक्षाबल हैं क्योंकि सेना और सुरक्षाबलों को टीजेपी पाकिस्तान पर थोपी गई सुरक्षा संस्थाएँ कहता है जो  शरिया विरोधी व्यवस्था है।

Web Title: What is 'Tehreek-e-Jihad Pakistan', which is waging a war to implement Sharia in Pakistan?

विश्व से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे