चीनी 'जासूसी' गुब्बारे को मार गिराने का वीडियो आया सामने, अमेरिकी फाइटर जेट ने ऐसे बनाया निशाना
By अनिल शर्मा | Published: February 5, 2023 08:31 AM2023-02-05T08:31:48+5:302023-02-05T08:36:16+5:30
पेंटागन के अधिकारियों ने कहा कि चीनी गुब्बारा अमेरिकी हवाई क्षेत्र में जासूसी कर रहा था। गुब्बारे का आकार तीन स्कूल बस जितना बड़ा था। गुब्बारे को मार गिराए जाने के बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बयान जारी किया।
वाशिंगटनः शनिवार को अमेरिकी प्रशासन ने सेना पर निगरानी रखने के संदेह वाले एक बड़े चीनी जासूसी गुब्बारे को मार गिराने का दावा किया। फाइटर जेट द्वारा दक्षिण कैरोलिना के तट पर संदिग्ध गुब्बारे को मार गिराए जाने के कुछ ही समय बाद इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा।
पेंटागन के अधिकारियों के मुताबिक चीनी गुब्बारे को F-22 विमान से मिसाइल दागा गया जिसके बाद अटलांटिक महासागर में 14 मीटर गहरे पानी में गिर गया। पेंटागन के अधिकारियों ने कहा कि चीनी गुब्बारा अमेरिकी हवाई क्षेत्र में जासूसी कर रहा था। गुब्बारे का आकार तीन स्कूल बस जितना बड़ा था। गुब्बारे को मार गिराए जाने के बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बयान जारी किया।
Heard and felt the explosion in Myrtle Beach, SC #ChineseSpyBalloon#Balloonpic.twitter.com/ADKcdLFIBQ
— Haley Walsh (@haleyewalsh) February 4, 2023
उन्होंने कहा, हमने सफलतापूर्वक इसे मार गियारा है। और मैं अपने उन एविएटर्स को बधाई देना चाहता हूं जिन्होंने इसे सफलतापूर्वक अंजाम दिया है।
गुब्बारे में विस्फोट का वीडियो हेली वाल्श ने अपने ट्विटर पर पोस्ट किया है। उन्होंने दावा किया कि दक्षिण कैरोलिना के एक लोकप्रिय रिसॉर्ट शहर मायर्टल बीच में "विस्फोट सुना और महसूस किया"। जैसे ही F-22 फाइटर के मिसाइल ने गुब्बारे को निशाना बनाया, वहां मौजूद लोग खुशी मनाते दिखे।
Incredible HD footage of the Chinese surveillance balloon being shot down. pic.twitter.com/K1GxdcJuH1
— Graham Allen (@GrahamAllen_1) February 4, 2023
चीन का यह जासूसी गुब्बार अमेरिकी हवाई क्षेत्र में पहली बार 28 जनवरी को देखा गया था। इसके बाद यह कनाडाई हवाई क्षेत्र में पहुंच गया। एक अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक, 31 जनवरी को यह गुब्बार दोबारा अमेरिकी हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया। अधिकारी के मुताबिक गुब्बारे को मार गिराने की सूचना बीजिंग को दे दी गई थी। वहीं चीन ने दावा किया कि यह भटक कर वहां पहुंच गया था। इसपर खेद भी जताया था। बीजिंग ने कहा था कि यह नागरिक मौसम विज्ञान और अन्य वैज्ञानिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला हवाई पोत है।