हांगकांग में हो रहे प्रदर्शनों को लेकर चीन और ब्रिटेन के बीच शुरू हुई जुबानी जंग
By भाषा | Published: July 4, 2019 05:51 AM2019-07-04T05:51:12+5:302019-07-04T05:51:12+5:30
हंट ब्रिटेन के पूर्व उपनिवेश हांगकांग में एक विवादित प्रत्यर्पण कानून के खिलाफ प्रदर्शनकारियों के प्रति अपना मजबूत समर्थन जाहिर कर रहे हैं। दरअसल, हांगकांग के लोगों की आशंका है कि इसका इस्तेमाल अभियोजन के लिए यहां से असंतुष्टों या बागियों को चीन की मुख्यभूमि में भेजने में किया जा सकता है।
चीन ने हांगकांग में लोकतंत्र के समर्थन में हो रहे अभूतपूर्व प्रदर्शनों पर ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेरेमी हंट की टिप्पणियों को लेकर राजनयिक स्तर पर विरोध दर्ज कराया है। साथ ही, कहा है कि वह अब भी ब्रिटेन की औपनिवेशिक सोच रखते हैं और दूसरों को नसीहत देने के प्रति आसक्त हैं।
उल्लेखनीय है कि हंट ब्रिटेन के पूर्व उपनिवेश हांगकांग में एक विवादित प्रत्यर्पण कानून के खिलाफ प्रदर्शनकारियों के प्रति अपना मजबूत समर्थन जाहिर कर रहे हैं। दरअसल, हांगकांग के लोगों की आशंका है कि इसका इस्तेमाल अभियोजन के लिए यहां से असंतुष्टों या बागियों को चीन की मुख्यभूमि में भेजने में किया जा सकता है। सोमवार को यह प्रदर्शन और तेज हो गया, जब प्रदर्शनकारियों ने शहर की लेजिस्लेटिव काउंसिल की इमारत पर धावा बोल दिया।
हंट ने मंगलवार को कहा था, ‘‘हांगकांग चीन का हिस्सा है और हमें यह बात स्वीकार करनी है। लेकिन हांगकांग में स्वतंत्रता एक संयुक्त घोषणापत्र में निहित हैं, जिस पर पूर्व औपनिवेशिक शासक ब्रिटेन ने हस्ताक्षर किया था।’’ हंट ने चेतावनी दी थी कि हांगकांग को सौंपे जाने से जुड़े समझौते का उल्लंघन होने की स्थिति में चीन को गंभीर अंजाम भुगतने होंगे।
एएफपी की एक खबर के मुताबिक हंट ने कहा था, ‘‘हम आशा करते हैं कि कानूनी तौर पर बाध्य इस समझौते का सम्मान किया जाएगा और यदि ऐसा नहीं होता है तो इसके गंभीर अंजाम होंगे।’’ चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने एक नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि वह (हंट) ब्रिटिश उपनिवेशवाद के धुंधले हो चुके गौरव की स्तुति करते नजर आ रहे हैं।
चीन ने हंट की टिप्पणियों को लेकर लगातार दूसरे दिन उनकी आलोचना की है। उल्लेखनीय है कि हांगकांग को ब्रिटेन द्वारा चीनी शासन को सौंपे जाने के 1997 के समझौते की शर्तों के तहत हांगकांग को वे अधिकार और स्वतंत्रता प्राप्त हैं, जो चीनी मुख्य भूमि पर लोगों को नहीं प्रदान किया गया है।