कोरोना वायरस को लेकर चीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज, अमेरिका के एक राज्य ने दायर किया मामला
By भाषा | Updated: April 22, 2020 13:22 IST2020-04-22T13:21:47+5:302020-04-22T13:22:13+5:30
अमेरिका के एक राज्य ने चीन पर नोवेल कोरोना वायरस को लेकर सूचनाएं दबाने, इसका भंडाफोड़ करने वाले लोगों को गिरफ्तार करने तथा इसकी संक्रामक प्रकृति से इनकार करने का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ मुकदमा दायर किया है।

अमेरिकी राज्य ने कोरोना वायरस से निपटने के मामले में चीन के खिलाफ मुकदमा किया दर्ज (Photo-social media)
वाशिंगटन:अमेरिका के एक राज्य ने चीन पर नोवेल कोरोना वायरस को लेकर सूचनाएं दबाने, इसका भंडाफोड़ करने वाले लोगों को गिरफ्तार करने तथा इसकी संक्रामक प्रकृति से इनकार करने का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ मुकदमा दायर किया है और कहा है कि इससे दुनियाभर के देशों को अपूरणीय क्षति हुई है तथा मानवीय क्षति के साथ अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान हुआ है।
ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट मिसौरी की एक अदालत में मिसौरी के अटॉर्नी जनरल एरिक शिमिट की ओर से चीन की सरकार, वहां की सत्तारूढ़ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और अन्य चीनी अधिकारियों एवं संस्थानों के खिलाफ अपनी तरह का पहला मुकदमा दायर किया गया है। इसमें आरोप लगाया गया है कि कोरोना वायरस के फैलने के शुरुआती अहम सप्ताहों में चीन के अधिकारियों ने जनता को धोखा दिया, महत्वपूर्ण सूचनाओं को दबाया।
इस बारे में जानकारी सामने लाने वालों को गिरफ्तार किया, पर्याप्त प्रमाण होने के बावजूद मनुष्य से मनुष्य में संक्रमण की बात से इनकार किया, महत्वपूर्ण चिकित्सकीय अनुसंधानों को नष्ट किया, दसियों लाख लोगों को संक्रमण की जद में आने दिया और यहां तक कि निजी सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) की जमाखोरी की जिससे महामारी वैश्विक हो गयी। शिमिट ने कहा, ‘‘कोविड-19 ने पूरी दुनिया के देशों को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है जिससे बीमारी बढ़ी है, लोगों की मौत हुई है, आर्थिक नुकसान के साथ मानवीय क्षति हुई है।
मिसौरी में वायरस का असर बहुत भारी है जहां हजारों लोग प्रभावित हुए हैं और कई मर चुके हैं। परिवार अपने प्रियजनों से बिछड़ गए हैं। छोटे कारोबार बंद हो रहे हैं तथा रोजाना कमाकर खाने वाले पेट भरने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘चीनी सरकार ने कोविड-19 के खतरे और संक्रामक प्रकृति के बारे में दुनिया से झूठ बोला, जो इसके खिलाफ आवाज उठा रहे थे, उनकी आवाज दबा दी और बीमारी को रोकने के लिए कुछ नहीं किया।’’ मुकदमे के अनुसार दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों के पास मनुष्यों के बीच संक्रमण के पर्याप्त प्रमाण थे।