Russia Ukraine War: बोले अमेरिकी राजनयिक- भारत द्वारा यूक्रेन युद्ध पर 'स्पष्ट रुख' अपनाने के लिए कोशिश जारी
By मनाली रस्तोगी | Published: March 3, 2022 10:51 AM2022-03-03T10:51:36+5:302022-03-03T10:54:04+5:30
अमेरिकी राजनयिक डोनाल्ड लू का कहना है कि बाइडेन प्रशासन रूस-यूक्रेन संकट पर भारत से स्पष्ट रुख अपनाने का आग्रह कर रहा है। बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच लगातार आठवें दिन जंग जारी है।
वॉशिंगटन: युद्धग्रस्त यूक्रेन पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं। यहां लगातार आठवें दिन रूस का हमला जारी है। इस बीच अमेरिकी राजनयिक डोनाल्ड लू का कहना है कि बाइडेन प्रशासन रूस-यूक्रेन संकट पर भारत से स्पष्ट रुख अपनाने का आग्रह कर रहा है। लू ने उल्लेख किया कि विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन "उस लड़ाई की अग्रिम पंक्ति" पर रहे हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन व विदेश विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी अपने भारतीय समकक्षों के साथ यूक्रेन के ऊपर विभिन्न "बहुत गंभीर" उच्च-स्तरीय वार्ता कर रहे हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने अपनी बात को जारी रखते हुए आगे कहा "भारत ने अपनी स्थिति को स्पष्ट करने की कोशिश करते समय दो चीजों पर ध्यान केंद्रित किया है, एक यह कि वह इस संघर्ष के राजनयिक समाधान की संभावना को मेज पर छोड़ना चाहता है। दूसरी बात जिस पर वे जोर देते हैं वह यह है कि भारत में अभी भी यूक्रेन में 18,000 छात्र हैं, और वे यूक्रेन और रूस दोनों सरकारों के साथ काम करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि उनकी रक्षा की जा सके।"
बता दें कि रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों अमेरिकी सांसदों ने "भारत के साथ अमेरिकी संबंधों" पर सुनवाई में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में वोटिंग से दूर रहने वाले भारत की आलोचना की थी। सीनेट की विदेश संबंध समिति के सांसदों द्वारा की गई आलोचना के जवाब में डोनाल्ड लू ने कहा, "मैं कहना चाहता हूं कि हम सभी रूस के कार्यों के विपरीत एक स्थिति को लेकर हम सभी भारत से एक स्पष्ट स्थिति लेने का आग्रह करने के लिए काम कर रहे हैं।"
वहीं, लू ने आगे कहा, "विदेश विभाग सामूहिक प्रतिक्रिया के महत्व को रेखांकित करने और रूस के आक्रमण की निंदा करने के लिए भारत के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है।" भले ही भारत ने "स्पष्ट" स्थिति नहीं ली है, लेकिन अमेरिका का कहना है कि वह भारत की कुछ सार्वजनिक स्थिति में "विकास" देख सकता है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा में स्क्रीन पर प्रदर्शित मतदान परिणामों से पता चला कि 141 देशों ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की निंदा करने वाले कदम के पक्ष में मतदान किया और पांच राष्ट्र इसके खिलाफ थे, जिसमें भारत सहित 35 देशों ने भाग नहीं लिया।