चीन की मिलिट्री एजेंसी पर अमेरिका ने लगाए प्रतिबंध, लेकिन निशाने पर रूसी विमान
By भाषा | Published: September 21, 2018 05:22 AM2018-09-21T05:22:57+5:302018-09-21T05:22:57+5:30
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि अपनी आर्थिक ताकत के साथ आक्रामक सेना वाली और बौद्धिक संपदा से पेश आने वाली चीन की सरकार देश के लिए रूस से ज्यादा बड़ा खतरा है।
वाशिंगटन, 21 सितंबर:अमेरिका सरकार ने रूस से सुखोई एसयू-25 लड़ाकू विमान और जमीन से हवा में मार करने वाली एस-400 मिसाइलें खरीदने के लिए चीनी सेना की एक अहम इकाई पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं।
अमेरिका ने कहा है कि चीन के रक्षा मंत्रालय के उपकरण विकास विभाग की खरीद ने रूस पर उसके प्रतिबंधों का उल्लंघन किया है। अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘इस कार्रवाई का मकसद रूस की दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों के जवाब में उस पर हर्जाना लगाना है।’’
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि अपनी आर्थिक ताकत के साथ आक्रामक सेना वाली और बौद्धिक संपदा तथा धार्मिक अल्पसंख्यकों से भयावह तरीके से पेश आने वाली चीन की सरकार देश के लिए रूस से ज्यादा बड़ा खतरा है।
उन्होंने चीन की सरकार को सबकुछ अपने नियंत्रण में रखने वाली और गैर पारदर्शी बताया। उन्होंने यह भी कहा कि चीन कई चुनौतियां पेश कर रहा है। पोम्पिओ ने फॉक्स न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘व्लादिमीर पुतिन के नेतृत्व में रूस अब भी धौंस जमाता है। हमें उन्हें रोकने की जरुरत है। लेकिन लंबे समय में अगर आप उन चीजों पर ध्यान दें जो अमेरिकियों की आजीविका के लिए खतरा है, जो अमेरिका की आर्थिक वृद्धि को खतरे में डालती है तो चीन, अमेरिका के लिए ज्यादा बड़ा खतरा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह गैर पारदर्शी सरकार है। यह अत्यंत केंद्रीकृत सरकार है। यह हमारी बौद्धिक संपदा, अपने धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ भयावह तरीके से पेश आती है।’’