विशेषज्ञ की टिप्पणी, फ्लॉयड की हत्या के खिलाफ प्रदर्शनों को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप की प्रतिक्रिया नस्लीय अलगाववादी जैसी

By भाषा | Published: June 6, 2020 05:20 PM2020-06-06T17:20:33+5:302020-06-06T17:20:33+5:30

 संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा है क जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के खिलाफ प्रदर्शनों के संबंध में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिक्रिया और भाषा अमेरिकी अतीत के “नस्लीय अलगाववादियों के साथ सीधे तौर पर जुड़ी हुई हैं।

UN expert said president donald Trump reaction to demonstrations like racial separatists | विशेषज्ञ की टिप्पणी, फ्लॉयड की हत्या के खिलाफ प्रदर्शनों को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप की प्रतिक्रिया नस्लीय अलगाववादी जैसी

लोगों ने इंसाफ की मांग की और प्रदर्शनों के समर्थन में अपनी आवाज़ बुलंद की। (file photo)

Highlightsसंयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों के एक समूह ने टिप्पणी की है कि प्रदर्शनों को लेकर ट्रंप की प्रतिक्रिया नस्लीय अलगाववादी जैसी है। लोगों ने इंसाफ की मांग की और प्रदर्शनों के समर्थन में अपनी आवाज़ बुलंद की है।

संयुक्त राष्ट्र संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों के एक समूह ने टिप्पणी की है कि अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के खिलाफ प्रदर्शनों के संबंध में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिक्रिया और भाषा अमेरिकी अतीत के “नस्लीय अलगाववादियों के साथ सीधे तौर पर जुड़ी हुई हैं।’’ मिनीपोलिस में एक श्वेत अधिकारी द्वारा 46 वर्षीय फ्लॉयड की हत्या के बाद पूरे अमेरिका में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए हैं। अलग- अलग पृष्ठभूमि के लोगों ने इंसाफ की मांग की और प्रदर्शनों के समर्थन में अपनी आवाज़ बुलंद की।

हत्या के विरोध में प्रदर्शन शुरू होने के मद्देनजर, ट्रंप ने ट्वीट किया था, “ जब लूटपाट शुरू होती है तो गोलीबारी शुरू होती है।’’ संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की विशेष प्रक्रिया के 60 स्वतंत्र विशेषज्ञों ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, “ अलग अलग मौकों पर प्रदर्शनों को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति की प्रतिक्रिया में हिंसा की ज्यादा धमकी थी जिसकी भाषा देश के इतिहास के नस्लीय अलगाववादियों के साथ सीधे तौर पर जुड़ी हुई है। उन लोगों ने बहुत काम किया था ताकि काले लोगों को मौलिक मानवाधिकर नहीं मिलें।

’’ बयान में कहा गया है कि हम इस बात से काफी चिंतित हैं कि राष्ट्र बलपूर्वक प्रतिक्रिया के कगार पर है, जो लोगों को विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरने से रोकने की नाइंसाफी को फिर लागू करता है। न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित एक खबर में कहा गया है कि " जब लूटपाट शुरू होती है तो गोलियां चलती हैं" वाक्य का इस्तेमाल 1967 में मियामी के पूर्व पुलिस प्रमुख वाल्टर हेडली ने किया था। हेडली पर बल में नस्लीय भेदभाव के आरोप लगे थे।

बयान में कहा गया है कि फ्लॉयड की हाल में की गई हत्या से दुनिया में कई लोग स्तब्ध हैं, लेकिन यह अमेरिका में काले लोगों की वास्तविकता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर यह उभार व्यवस्थागत नस्लवाद के खिलाफ प्रदर्शन है जो राज्य प्रायोजित हिंसा और इस हिंसा के लिए दंडाभाव से उत्पन्न हुआ है। उन्होंने कहा कि अफ्रीकी-अमेरिकी लोगों की हत्या के बाद अमेरिका और विदेश में आखिरकार यह बात मानी जा रही है कि समस्या की वजह कुछ खराब लोग नहीं हैं, बल्कि समस्या उस देश में आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक जीवन के ढांचे में है जो दुनिया में सबसे उदार लोकतंत्र और दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने पर गर्व करता है।

इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र के 28 विशेषज्ञों ने अमेरिकी सरकार से अपील की है कि व्यवस्थागत नस्लवाद और नस्लीय पक्षपातपूर्ण दंड प्रक्रिया व्यवस्था को ठीक करने के लिए वह निर्णायक कार्रवाई करे। सरकार से स्वतंत्र जांच शुरू करने और पुलिस की ज्यादती के सभी मामलों में जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग भी की गयी है। 

Web Title: UN expert said president donald Trump reaction to demonstrations like racial separatists

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