भारतीय दूतावास ने अपने नागरिकों को जल्द यूक्रेन छोड़ने को कहा, पुतिन ने रूस के कब्जे वाले यूक्रेन क्षेत्रों में मार्शल लॉ की घोषणा की
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 20, 2022 07:26 AM2022-10-20T07:26:16+5:302022-10-20T07:31:34+5:30
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को रूस के कब्जे वाले यूक्रेन के चार क्षेत्रों में मार्शल लॉ घोषित कर दिया। उन्होंने रूस के सभी क्षेत्रों के प्रमुखों को अतिरिक्त आपातकालीन शक्तियां भी प्रदान कर दीं।

भारतीय दूतावास ने अपने नागरिकों को जल्द यूक्रेन छोड़ने को कहा, पुतिन ने रूस के कब्जे वाले यूक्रेन क्षेत्रों में मार्शल लॉ की घोषणा की
कीवः रूस-यूक्रेन युद्ध और यूक्रेन में हाल ही में हुए हमलों को देखते हुए यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। दूतावास ने एडवाइजरी में छात्रों और अन्य भारतीयों को जल्द से जल्द यूक्रेन छोड़ने को कहा है। वहीं भारतीय नागरिकों को यूक्रेन की यात्रा नहीं करने की सलाह दी गई है।
उधर, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को रूस के कब्जे वाले यूक्रेन के चार क्षेत्रों में मार्शल लॉ घोषित कर दिया। उन्होंने रूस के सभी क्षेत्रों के प्रमुखों को अतिरिक्त आपातकालीन शक्तियां भी प्रदान कर दीं। पुतिन ने मार्शल लॉ के तहत उठाए जाने वाले कदमों को तत्काल स्पष्ट नहीं किया, लेकिन कहा कि उनका आदेश बृहस्पतिवार से प्रभावी होगा।
Advisory for Indian Nationals@MEAIndia@DDNewslive@DDNational@PIB_India@IndianDiplomacypic.twitter.com/bu4IIY1JNt
— India in Ukraine (@IndiainUkraine) October 19, 2022
उन्होंने अपने आदेश में कानून प्रवर्तन एजेंसियों को विशिष्ट प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए तीन दिन का समय दिया है। इस दौरान रूसी सेना ने अपने कब्जे वाले इलाकों को आम लोगों से खाली करा लिया। दक्षिणी शहर खेरसॉन में यूक्रेन के जवाबी हमले के साथ ही 2,50,000 से अधिक लोगों, उद्योगों और एक प्रमुख बंदरगाह वाले शहर में यूक्रेन और रूस के बीच लड़ाई सर्दियों में भी जारी रहने की आशंका है।
रूसी हमले से जूझ रहे यूक्रेन में बिजली संकट पैदा हो गई है। कई शहरों में बिजली आपूर्ति रोक दी गई है। यूक्रेन के ऊर्जा अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि रूसी हमलों के बाद देश की बिजली उत्पादन क्षमता का कम से कम 40 प्रतिशत कम हो गई है जिससे देश भर में बिजली आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाने और देश भर में अनुसूचित ब्लैकआउट करने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं था।