तुर्की में रूस-यूक्रेन के बीच हुआ 'मिरर' समझौता, समुद्री रास्ते से हो सकेगा अनाज का निर्यात
By शिवेंद्र राय | Published: July 23, 2022 10:47 AM2022-07-23T10:47:05+5:302022-07-23T10:50:41+5:30
तुर्की में रूस और यूक्रेन के बीच एक अहम समझौता हुआ है जिसके तहत रूस यूक्रेन के गोदामों में पड़े लाखों टन अनाज को निर्यात के लिए समुद्री रास्ता देने पर राजी हो गया है। ये निर्यात काला सागर के समुद्री रास्ते से किया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र ने इसे ऐतिहासिक समझौता बताया है।
नई दिल्ली: पिछले पांच महीने से जंग लड़ रहे रूस और यूक्रेन के बीच एक अहम समझौता हुआ है। ये समझौता रूस या यूक्रेन में नहीं बल्कि तुर्की में हुआ। समझौते को तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने काफी अहम बताया है। इस समझौते को 'मिरर' नाम दिया गया है।
क्या है 'मिरर' समझौता
रूस और यूक्रेन के बीच हुए इस समझौते से अब यूक्रेन के गोदामों में पड़े अनाज अनाज को काला सागर के समुद्री रास्ते से बाहर भेजा जा सकेगा। रूस ने इस बात की गारंटी दी है कि वह अनाज ले जा रहे जहाजों पर हमला नहीं करेगा। रूस ने यह भी कहा है कि वह उन बंदरगाहों को भी निशाना नहीं बनाएगा जहां से अनाज से भरे मालवाहक जहाज रवाना होंगे। हालांकि इस समझौते की एक शर्त यह भी है कि मालवाहक जहाजों को रूस की जांच से गुजरना होगा। रूस इस बात की जांच करेगा कि अनाज की आड़ में हथियारों की सप्लाई न होने पाए।
तुर्की के राष्ट्रपति ने खुशी जताई
रूस और यूक्रेन के बीच हुआ ये अहम समझौता तुर्की में हुआ। समझौते पर रूसी रक्षा मंत्री सेर्गेई शाइगु ने और यूक्रेन के इन्फ्रास्ट्रक्चर मंत्री ओलेकसांद्र कुब्राकोव ने हस्ताक्षर किए। तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोआन ने इस समझौते पर खुशी जताई है और कहा है कि युद्ध खत्म करने की दिशा में एक अहम कदम है। अर्दोआन ने कहा कि शांति कायम करने तक वह चुप नहीं बैठेंगे।
I hope the joint step we took today in Istanbul with the Russian and Ukrainian parties will be a fresh turning point that will rekindle hopes for peace.
— Recep Tayyip Erdoğan (@RTErdogan) July 22, 2022
Turning this friendly and peaceful atmosphere into the steps of ending the war would be beneficial for all humanity. pic.twitter.com/mBl9QEMupp
यह समझौता चार महीने तक लागू रहेगा जिसकी निगरानी तुर्की के शहर इस्तांबुल से किया जाएगा। अगर रूस और यूक्रेन सहमत होते हैं तो इस समझौते को आगे भी बढ़ाया जा सकता है। यूक्रेन दुनिया में गेंहू के सबसे बड़े उत्पादकों में से है और युद्ध के कारण निर्यात रुकने से यूरोप में खाद्यान्न संकट उत्पन्न हो गया था। यूक्रेन के अनाज का निर्यात रुकने से दुनिया भर में गेंहू से बने खाद्य पदार्थो की कमी हो गई थी और कीमत लगातार बढ़ रही थी। अमेरिका सहित पश्चिमी देश लंबे समय से इस समझौते की मांग कर रहे थे। इस अहम समझौते की तारीफ संयुक्त राष्ट्र ने भी की है और इसे ऐतिहासिक बताया है। हालांकि अभी रूस और यूक्रेन के बीच जंग रुकने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।