ब्रिटेन सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के संसद निलंबित करने के फैसले गैरकानूनी बताया है। उच्चतम न्यायालय ने 31 अक्टूबर को ब्रेक्जिट के दिन से महज एक पखवाड़े पहले 14 अक्टूबर तक संसद को पांच सप्ताह के लिए निलंबित करने के लिए महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को दी गयी जॉनसन की सलाह की वैधता पर फैसला सुनाया।
जुलाई में पद संभालने वाले जॉनसन ने इस बात पर जोर दिया है कि इस महीने की शुरूआत में संसद को निलंबित करने का उनका फैसला एक सामान्य कदम था ताकि उनकी नयी सरकार ताजा विधायी कार्यक्रम शुरू कर सके। लेकिन आलोचक उन पर सांसदों का मुंह बंद रखने की कोशिश करने का आरोप लगा रहे हैं।
संसद निलंबित करने के प्रधानमंत्री के कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमन्स के अध्यक्ष जॉन बर्को ने कहा कि यह, “संवैधानिक आक्रोश को दर्शाता है।” बर्को ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री जॉनसन के फैसले के बारे में पहले नहीं बताया गया था। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह स्पष्ट है कि निलंबन का मकसद “ब्रेक्जिट पर चर्चा करने से संसद को रोकना और देश के भविष्य को तय करने के उसके कर्तव्य निभाने से रोकना है।