थियानमेन चौकः पोम्पिओ ने कहा, हम चीन सरकार से अपील करते हैं कि वह मारे गए या लापता लोगों के संबंध में पूरी सार्वजनिक जवाबदेही ले

By भाषा | Published: June 4, 2019 12:49 PM2019-06-04T12:49:11+5:302019-06-04T12:49:11+5:30

अमेरिका ने इसे 1989 का ‘साहसी’ आंदोलन बताते हुए इसकी सराहना की और चीन में ‘‘अनुचित व्यवहार की एक नई लहर’’ की घोषणा की आलोचना की। हालांकि, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने यह सुनिश्चित किया कि वर्षगांठ सिर्फ अतीत का हिस्सा ही बना रहे।

Tiananmen Square massacre: US urges China to reveal fatalities, release prisoners. | थियानमेन चौकः पोम्पिओ ने कहा, हम चीन सरकार से अपील करते हैं कि वह मारे गए या लापता लोगों के संबंध में पूरी सार्वजनिक जवाबदेही ले

चीन ने थियानमेन चौक नरसंहार की घटना पर अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ की प्रतिक्रिया की।

Highlights30 साल पहले थियानमेन चौराहे पर लोकतंत्र के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर 4 जून 1989 को टैंकों और सैनिकों ने बेरहमी से हमला किया था।यह चीनी लोगों का अपमान है और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को चलाने वाले मूलभूत नियमों और अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन है।

चीन ने थियानमेन चौक नरसंहार की घटना पर अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ की प्रतिक्रिया की आलोचना करते हुए कहा कि अमेरिका उसकी प्रणाली पर हमला कर रहा है और उसकी नीतियों को बदनाम कर रहा है।

वॉशिंगटन में चीन के दूतावास के एक प्रवक्ता ने यहां एक बयान में कहा कि जो कोई भी ‘‘चीनी लोगों को परेशान करने की’’ कोशिश करेगा ‘‘वह राख हो जाएगा।’’ प्रवक्ता ने कहा कि पोम्पिओ ने ‘‘मानवाधिकारों की आड़ में’’ जो बयान दिया है, वह चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप है, उसकी प्रणाली पर हमला है और उसकी घरेलू एवं विदेशी नीतियों को बदनाम करता है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह चीनी लोगों का अपमान है और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को चलाने वाले मूलभूत नियमों और अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन है।’’ पोम्पिओ ने थियानमेन चौक नरसंहार के 30 साल पूरे होने के अवसर पर कहा था, ‘‘हम चीन सरकार से अपील करते हैं कि वह मारे गए या लापता लोगों के संबंध में पूरी सार्वजनिक जवाबदेही दे ताकि इतिहास के उस काले अध्याय के पीड़ितों को ढांढस बंध सके।

इस प्रकार का कदम मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता के प्रति सम्मान की कम्युनिस्ट पार्टी की इच्छा को दर्शाएगा।’’ ऐसा बताया जाता है कि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चीन के विरोध और लोकतंत्र के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की कार्रवाई में चार जून 1989 को बीजिंग के थियानमेन चौक में और उसके आस पास सैकड़ों प्रदर्शनकारी मारे गए थे। 

थियानमेन की 30 वीं वर्षगांठ पर बीजिंग में चुप्पी, सुरक्षा चाक चौबंद

लोकतंत्र के समर्थन में 30 साल पहले थियानमेन चौक पर हुए प्रदर्शन के दौरान लोगों के खिलाफ हुई हिंसक कार्रवाई की बरसी के अवसर पर चीन में चुप्पी का माहौल है और चारों ओर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं।

राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस बरसी से पहले मंगलवार को तमाम कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है और देश भर में इंटरनेट पर सेंसरशिप लागू कर दिया गया है। पुलिस ने थियानमेन चौक के पास मेट्रो से निकलने वाले हर पर्यटक और दैनिक यात्रियों के पहचान पत्र की जांच की।

गौरतलब है कि 30 साल पहले थियानमेन चौराहे पर लोकतंत्र के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर 4 जून 1989 को टैंकों और सैनिकों ने बेरहमी से हमला किया था। विदेशी पत्रकारों को चौक पर जाने की अनुमति नहीं है। साथ ही पुलिस तस्वीरें लेने पर भी चेतावनी दे रही है।

अमेरिका ने इसे 1989 का ‘साहसी’ आंदोलन बताते हुए इसकी सराहना की और चीन में ‘‘अनुचित व्यवहार की एक नई लहर’’ की घोषणा की आलोचना की। हालांकि, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने यह सुनिश्चित किया कि वर्षगांठ सिर्फ अतीत का हिस्सा ही बना रहे।

ऐसे में उसने 4 जून तक कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में रखा जबकि लोकप्रिय लाइवस्ट्रीमिंग साइटों को ‘‘तकनीकी’’ रखरखाव के लिए बंद कर दिया। इन वर्षों में, पार्टी ने विरोध और कार्रवाई की किसी भी चर्चा को रोक दिया है। 

Web Title: Tiananmen Square massacre: US urges China to reveal fatalities, release prisoners.

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