कराची: तहरीके-तालिबानपाकिस्तान (TTP)ने सोमवार को बयान जारीकर कहा है कि सिंध और बलूचिस्तान में हुए पख्तून और सिंधी नस्ली फसाद भ्रष्ट नेताओं और सैन्य अफसरों की 'बाँटो और राज करो' की नीति का परिणाम है। पाकिस्तानीतालिबान ने पाकिस्तानियों से अपील की है कि वो तालिबान से जुड़े और पाकिस्तान में 'सच्ची इस्लामिक हुकूमत' कायम करने में मदद करे जिससे मुल्क में शांति और समृद्धि सुनिश्चित की जा सके।
पाकिस्तान के सिंध प्रांत के शहर हैदराबाद के एक होटल में 12 जुलाई को 35 वर्षीय बिलाल काका की हत्या के बाद से कई शहरों में सिंधी और पख्तून के बीच संघर्ष शुरू हो गया। इस गोलीबार में कई अन्य लोग घायल भी हो गये। बिलाल काका के के समर्थकों का आरोप है कि हमलावर अफगान थे।
सिंध पुलिस ने होटल मालिक को बिलाल की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया और हैदराबाद के पुलिस एसएसपी ने आधा दर्जन से ज्यादा पुलिसवालों को लापरवाही के आरोप में बर्खास्त कर दिया। बिलाल के साथ मौजूद चश्मदीदों के अनुसार जब वो लोग होटल में खाना खा रहे थे तो एक वेटर ने बदतमीजी की जिसकी शिकायत उन्होंने होटल मालिक से की।
होटल मालिक हाजी शाही सावर ने उनसे रुखाई से वहाँ से जाने के लिए कहा। उसके बाद होटल मालिक ने अपने दोस्तों को बुला लिया जो हथियार और लोहे की नुकीली रॉड लेकर आए और बिलाल पर राड से हमला कर दिया। जब लोग वहाँ इकट्ठा हो गए तो हमलावरों ने हवा में गोलियाँ भी चलायीं। हालाँकि डॉन न्यूज को वहाँ मौजूद अन्य लोगों ने बताया कि दोनों पक्षों में बिल को लेकर विवाद शुरू हुआ था।
इस मामले ने तब तूल पकड़ लिया जब स्थानीय लोगों और बिलाल के समर्थकों ने होटल मालिक पर अफगानी होने का आरोप लगाया। सिंध यूनाइटेड पार्टी के चेयरमैन सैय्यद जलाल महमूद शाह ने कहा कि इलाके में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती जा रही है क्योंकि अफगान मुहाजिरों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ गयी है। शाह ने सिंधियों को पख्तून से टकराव से बचने के लिए कहा लेकिन अफगानों को कारोबारी और रिहायशी सम्पत्ति देने से परहेज करने के लिए कहा।