Afghanistan पर कब्जे के बाद शुरू हुई तालिबानी की "अग्नि-परीक्षा", 20 साल चली लड़ाई में अब्दुल गनी बरादार जीते

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 16, 2021 09:50 PM2021-08-16T21:50:08+5:302021-08-16T21:55:11+5:30

तीन साल से थोड़ा पहले अमेरिका के अनुरोध पर पाकिस्तान की एक जेल से रिहा किये गये तालिबान नेता अब्दुल गनी बरादार अफगानिस्तान में 20 साल की लड़ाई में ‘निर्विवादित विजेता’ बनकर उभरे हैं.

Taliban's test started after the occupation of Afghanistan, Abdul Ghani Baradar won in 20 years of fighting | Afghanistan पर कब्जे के बाद शुरू हुई तालिबानी की "अग्नि-परीक्षा", 20 साल चली लड़ाई में अब्दुल गनी बरादार जीते

Afghanistan पर कब्जे के बाद शुरू हुई तालिबानी की "अग्नि-परीक्षा", 20 साल चली लड़ाई में अब्दुल गनी बरादार जीते

तीन साल से थोड़ा पहले अमेरिका के अनुरोध पर पाकिस्तान की एक जेल से रिहा किये गये तालिबान नेता अब्दुल गनी बरादार अफगानिस्तान में 20 साल की लड़ाई में ‘निर्विवादित विजेता’ बनकर उभरे हैं. ब्रिटिश मीडिया ने यह खबर दी है. वैसे तो हैबातुल्लाह अखुंदजादा तालिबान के सर्वेसर्वा हैं लेकिन बरादार उसके राजनीतिक प्रमुख और सबसे अधिक जाना-पहचाना चेहरा हैं.

बताया जाता है कि रविवार को वह कतर के दोहा से काबुल के लिए रवाना हुए. गार्जियन अखबार ने रविवार को खबर दी कि तालिबान की काबुल फतह के बाद टेलीविजन पर प्रसारित एक बयान में बरादार ने कहा कि तालिबान की असली परीक्षा तो अभी बस शुरू हुई है और उन्हें राष्ट्र की सेवा करनी है. 

खबर के अनुसार सत्ता में बरादार की वापसी देश के रक्तरंजित अतीत से उबरने की अफगानिस्तान की असमर्थता की परिचायक है. उनकी जवानी के दिनों की कहानी देश के निरंतर संघर्ष की कहानी है. सन् 1968 में उरूजगान प्रांत में पैदा हुए बरादार ने 1980 के दशक में अफगान मुजाहिदीन के साथ मिलकर सोवियत रूस के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. 

1992 में रूसियों को देश से निकाले जाने के बाद अफगानिस्तान विभिन्न कबीलों के सरदारों के गृहयुद्ध में फंस गया. उसी दौरान बरादार ने अपने प्रतिष्ठित पूर्व कमांडर एवं रिश्तेदार मोहम्मद उमर के साथ मिलकर कंधार में मदरसा स्थापित किया. खबर के अनुसार दोनों मुल्लाओं ने साथ मिलकर तालिबान की स्थापना की . 

इस आंदोलन की ऐसे युवा इस्लामिक विद्वान अगुवाई रहे थे जिनका मकसद देश का मजहबी शुद्धिकरण एवं अमीरात की स्थापना पर था. धार्मिक उन्माद और योद्धाओं के प्रति व्यापक नफरत तथा बाद में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस का समर्थन पाकर तालिबान प्रांतीय राजधानियों को फतह करता 1996 में देश की सत्ता पर काबिज हो गया और दुनिया हक्का-बक्का होकर देखती रही, ठीक उसी तरह जिस तरह हाल के सप्ताह में हुआ है. मुल्ला उमर से संबद्ध बरादार को सबसे सक्रिय रणनीतिकार माना जाता है जिसने इन फतह की इबारत लिखी.

Web Title: Taliban's test started after the occupation of Afghanistan, Abdul Ghani Baradar won in 20 years of fighting

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