तालिबान की तानाशाही पहुंची चरम पर, अफगानी महिला टीवी एंकरों ने बुर्का पहनकर पढ़ा समाचार

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 22, 2022 03:22 PM2022-05-22T15:22:18+5:302022-05-22T15:29:15+5:30

तालिबानी शासक हिबतुल्लाह अखुंदज़ादा के कड़े फरमान के बाद अफगानिस्तान के प्रमुख समाचार चैनलों टोलोन्यूज़, एरियाना टेलीविज़न, शमशाद टीवी और वनटीवी की महिला एंकरों ने बुर्का पहनकर न्यूज बुलेटिन पढ़ा।

Taliban dictatorship reaches its peak, Afghan women TV anchors wearing burqas read news | तालिबान की तानाशाही पहुंची चरम पर, अफगानी महिला टीवी एंकरों ने बुर्का पहनकर पढ़ा समाचार

तालिबान की तानाशाही पहुंची चरम पर, अफगानी महिला टीवी एंकरों ने बुर्का पहनकर पढ़ा समाचार

Highlightsतालिबानी शासक हिबतुल्लाह अखुंदज़ादा ने महिलाओं को बुर्का पहनने का आदेश दिया हैजिसके बाद कई अफगानी न्यूज चैनलों की महिला एंकरों ने बुर्का पहनकर न्यूज बुलेटन पढ़ा एंकरों का कहना है कि वो बुर्का नहीं पहनना चाहती हैं लेकिन उन्हें इसके लिए मजबूर किया जा रहा है

काबुल: अफगानिस्तान में कब्जे के बाद से तालिबान का बढ़ता कहर महिलाओं की स्वतंत्रता को अपने फरमान तले तेजी से रौंद रहा है। इस महीने के शुरूआत में तालिबानी शासन के प्रमुख ने हिबतुल्लाह अखुंदज़ादा ने अफगानी महिलाओं को चेहरे से लेकर शरीर के सारे अंगों को बुर्के में कैद करने का फरमान सुनाया था।

इस तुगलकी फरमान के खिलाफ में कुछ महिलाओं ने राजधानी काबुल में काफी विरोध-प्रदर्शन भी किया था लेकिन चूंकि इस मामले में तालिबान किसी तरह की राहत देता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है। इस कारण अब महिलाओं के हौसले भी पस्त होने लगे हैं और वो इस अमानवीय फरमान को मजबूरी में झेल रही हैं।

ऐसा ही मामला तब देखने में आया जब रविवार को अफगानिस्तान के प्रमुख समाचार चैनलों पर महिला एंकरों ने खबरों का प्रसारण अपना चेहरे को ढंककर किया। समाचार एजेंसी 'एएफपी' के मुताबिक टोलोन्यूज़, एरियाना टेलीविज़न, शमशाद टीवी और वनटीवी जैसे प्रमुख चैनलों महिला एंकरों ने बुर्का पहनकर सुबह का न्यूज बुलेटिन पढ़ा।

इस मामले में टोलोन्यूज की एंकर सोनिया नियाजी ने कहा कि हमने इस फरमान का विरोध किया था कि हमें बुर्का नहीं पहनना है लेकिन हमें इसे पहनने के लिए मजबूर किया गया। 

उन्होंने कहा कि टोलोन्यूज पर इस फरमान को मानने के लिए दबाव डाला गया और तालिबान सरकार की ओर से कहा गया कि जो भी महिला एंकर बिना बुर्के के टीवी स्क्रीन पर दिखाई देगी। उसे या तो कोई और काम दे दिया जाए या फिर काम से हटा दिया जाए। 

जानकारी के मुताबिक टोलोन्यूज सहित अन्य चैनलों में महिला एकंरों के लिए केवल हेडस्कार्फ़ पहनना जरूरी होता था। वहीं इस मामले में तालिबानी सरकार के सूचना मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद अकिफ सादिक मोहजीर ने कहा कि सरकार की ओर से महिला एंकरों को नौकरी से बाहर करने की कोई योजना नहीं है।

उन्होंने कहा, "तालिबानी सरकार महिला एंकरों को सार्वजनिक मंच से हटाने या फिर उन्हें दरकिनार करने या उनका काम छीनने का इरादा नहीं रखती है। हम मीडिया चैनलों से खुश हैं कि वो सरकारी नीतियों का जिम्मेदारी पूर्वक पालन कर रहे हैं।"

मालूम हो कि तालिबानी शासन के प्रमुख अखुंदज़ादा ने अपने आदेश में अधिकारियों से कहा था कि अगर सरकारी महिला कर्मचारी बुर्के के फरमान को नहीं मानती हैं तो उन्हें नौकरी से निकाल दें। वहीं इसके साथ ही सरकारी पुरुष कर्मचारियों को आदेश दिया गया ता कि वो अपने घर की औरतों को भी बुर्के के नियम का पालन करवाएं, नहीं को उन्हें भी सरकारी कार्य से निलंबन कर दिया जाएगा।

तालिबानी शासन के पहले अफगानिस्तान में अमेरिकी हस्तक्षेप के कारण दो दशकों तक महिलाओं और लड़कियों को अन्य देशों की तरह काफी स्वतंत्रता मिल हुई थी। लेकिन तालिबानी नियंत्रण के साथ ही महिलाओं और लड़कियों को मिली हुई स्वतंत्रता का गला घोंटना शुरू कर दिया गया और उन पर इस्लाम के नाम पर तरह-तरह के कड़े तालिबान प्रतिबंध लगाये गये हैं।

तालिबानी प्रतिबंधों में महिलाओं और लड़कियों को अकेले यात्रा करने पर पाबंदी लगा दी गई और किशोर लड़कियों को स्कूल भेजने पर भी तालिबानी शासन ने कड़ाई से प्रतिबंध लगा दिया है। 

Web Title: Taliban dictatorship reaches its peak, Afghan women TV anchors wearing burqas read news

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