तालिबान के कब्जे के बाद बातचीत के लिए पहली बार अफगानिस्तान पहुंचा भारतीय दल, मानवीय सहायता की निगरानी करेगा दल
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 2, 2022 01:21 PM2022-06-02T13:21:31+5:302022-06-02T13:24:55+5:30
विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पीएआई) के नेतृत्व में एक टीम अफगानिस्तान में हमारी मानवीय सहायता के वितरण कार्यों की निगरानी के लिए काबुल की यात्रा पर है।
नई दिल्ली: पिछले साल अगस्त में तालिबान के कब्जा करने के बाद अफगानिस्तान की पहली आधिकारिक यात्रा पर केंद्रीय विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम काबुल पहुंच गई है।
विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पीएआई) के नेतृत्व में एक टीम अफगानिस्तान में हमारी मानवीय सहायता के वितरण कार्यों की निगरानी के लिए काबुल की यात्रा पर है।
पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान के संयुक्त प्रभारी सचिव जेपी सिंह टीम का नेतृत्व करने वाले अधिकारी हैं। वह पहले भी दोहा में तालिबान अधिकारियों से मिल चुके हैं।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, यात्रा का उद्देश्य अफगानिस्तान को हमारी मानवीय सहायता के वितरण कार्यों की निगरानी करना है। वे सहायता के वितरण में शामिल अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात करेंगे। इसके अलावा, टीम के विभिन्न स्थानों का दौरा करने की उम्मीद है जहां भारतीय कार्यक्रम/परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम पहले ही मानवीय सहायता के कई शिपमेंट भेज चुके हैं, जिसमें 20,000 मीट्रिक टन गेहूं, 13 टन दवाएं, कोविड वैक्सीन की 500,000 खुराक और सर्दियों के कपड़े शामिल हैं। इन खेपों को भारत गांधी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल, काबुल और डब्ल्यूएचओ और डब्ल्यूएफपी सहित संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसियों को सौंप दिया गया था। इसके अलावा, भारत अफगानिस्तान को अधिक चिकित्सा सहायता और खाद्यान्न भेजने की प्रक्रिया में है।
उन्होंने आगे कहा कि हमने ईरान में अफगान शरणार्थियों के टीकाकरण के लिए भारत निर्मित कोवैक्सिन की दस लाख खुराकें ईरान को उपहार में दी हैं। हमने पोलियो वैक्सीन की लगभग 6 करोड़ खुराक और दो टन आवश्यक दवाओं की आपूर्ति करके यूनिसेफ की भी सहायता की है।
विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि भारत के विकास और मानवीय सहायता को अफगान समाज में व्यापक सराहना मिली है। इस सिलसिले में भारतीय टीम तालिबान के वरिष्ठ सदस्यों से मुलाकात करेगी और अफगानिस्तान के लोगों को भारत की मानवीय सहायता पर चर्चा करेगी।
मंत्रालय ने यह भी रेखांकित किया कि भारत के अफगान लोगों के साथ ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंध हैं और ये लंबे समय से चले आ रहे संबंध हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे।