एक मिनट में बिना दर्द के हो जाएगी मौत, स्विट्जरलैंड ने 'सुसाइड मशीन' को दी कानूनी मान्यता
By विनीत कुमार | Published: December 7, 2021 01:18 PM2021-12-07T13:18:59+5:302021-12-07T13:26:58+5:30
स्विट्जरलैंड में इच्छामृत्यु को कानूनी मान्यता है। वहीं एक संस्था ने ऐसी मशीन बनाने का दावा किया है जो एक मिनट में बिना किसी खास दर्द के इंसान को मार सकता है।
स्विट्जरलैंड में एक ऐसे मशीन को कानूनी मान्यता दी गई है जिसके निर्माताओं का दावा है कि ये एक मिनट में 'दर्दरहित' और 'शांतिपूर्ण' मौत दे सकता है। यह मशीन ताबूत की तरह दिखने वाला एक कैप्शून है। इसमें ऑक्सीजन को एक स्तर तक कम करके हाइपोक्सिया और हाइपोकेनिया के माध्यम से मौत दी जाती है।
यूके के अखबार 'द इंडिपेंडेंट' की रिपोर्ट के अनुसार मशीन को अंदर से ही केवल पलक झपकाने से भी संचालित किया जा सकता है। इसे इस्तेमाल करने वाला शख्स अगर लॉक्ड-इन सिंड्रोम से ग्रसित है तो वह इसे पलक झपका कर इस्तेमाल कर सकता है।
लॉक्ड-इन सिंड्रोम वह अवस्था होती है जिसमें मरीज जगा होता है, लेकिन शरीर की लगभग सभी मांसपेशियों पैरालिसिस के कारण नहीं काम कर पाती। ऐसे में कई बार आंखों की हरकत के अलवा शख्स कुछ बोलने में भी असमर्थ होता है।
किसने बनाई है 'मौत की मशीन'?
इस 'सुसाइड मशीन' को तैयार करने के पीछे एग्जिट इंटरनेशनल संस्था (Exit International) के डायरेक्टर डॉक्टर फिलिप निट्स्के का हाथ है। डॉ फिलिप दरअसल 'डॉक्टर डेथ' के नाम से भी मशहूर हैं।
स्विटजरलैंड में विशेषज्ञों की देखरेख में आत्महत्या कानूनी रूप से वैध है और पिछले साल लगभग 1300 लोगों ने इच्छामृत्यु कराने वाली संस्थाओं का उपयोग किया था।
डॉ फिलिप निट्स्के ने कहा, 'किसी भी अप्रत्याशित कठिनाई की बात छोड़ दें तो हम अगले साल तक स्विट्जरलैंड में सारको (सुसाइड मशीन) को उपयोग के लिए उपलब्ध कराने के लिए तैयार करने की उम्मीद करते हैं। यह बेहद महंगा प्रोजेक्ट है, लेकिन हम इसे इस्तेमाल में लाने के काफी करीब हैं।'
सुसाइड मशीन की हो रही है आलोचना भी
इस मशीन में इंसान को मारने के लिए इस्तेमाल प्रक्रिया को लेकर डॉ फिलिप की आलोचना भी हो रही है। कई इसे बस एक उन्नत गैंस चेंबर बता रहे हैं। वर्तमान में केवल दो सरको प्रोटोटाइप मौजूद हैं, लेकिन एग्जिट इंटरनेशनल की मशीन 3डी प्रिंटिंग है और अगले साल स्विट्जरलैंड में इसके संचालन के लिए तैयार होने की उम्मीद है।
इस कैप्सूल में केवल 30 सेकेंड में नाइट्रोजन की मात्रा इतनी बढ़ जाती है कि यह ऑक्सीजन के स्तर को 21 प्रतिशत से 1 प्रतिशत तक तेजी से कम कर देगा। व्यक्ति थोड़ा विचलित महसूस करेगा और फिर कुछ ही सेकेंड में मौत हो जाएगी।