नई दिल्ली:भारत सहित दुनियाभर में स्मार्टफोन की अवैध जासूसी करने की आरोपी पेगासस स्पायवेयर बनाने वाली कंपनी एनएसओ ग्रुप अपनी विवादित पेगासस इकाई को बंद करने और पूरी कंपनी को बेचने पर विचार कर रही है। ऐसा वह अपने कर्जों से डिफॉल्ट होने की आशंकाओं के कारण करना चाहती है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, कई निवेश फंडों के साथ उन कदमों के बारे में बातचीत की गई है जिनमें कंपनी में दोबारा निवेश करना या एकमुश्त बिक्री शामिल है।
एक सूत्र ने बताया कि संभावित नए मालिकों में दो अमेरिकी फंड शामिल हैं जिन्होंने पेगासस को नियंत्रित करने और बंद करने पर चर्चा की है। ऐसे में फंड पेगासस को पूरी तरह से रक्षात्मक साइबर सुरक्षा सेवा के लिए इस्तेमाल करने के लिए 15 अरब रुपये का निवेश करेगा।
विवादों के केंद्र में रहा है एनएसओ का पेगासस स्पायवेयर
पेगासस सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ता के मोबाइल फोन को ट्रैक कर सकता है और इसके दुरुपयोग ने एनएसओ को गोपनीयता और मानवाधिकारों के दुरुपयोग के मामलों के केंद्र में ला दिया है।
पेगासस की कथित तौर पर उन सरकारों को आपूर्ति की गई थी जो राजनीतिक असंतुष्टों, पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी करने के लिए इसका इस्तेमाल करते थे।
गौरतलब है कि एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि 300 से अधिक सत्यापित भारतीय मोबाइल फोन नंबरों को पेगासस स्पायवेयर के जरिए निगरानी के लिए संभावित लक्ष्यों की सूची में रखा गया।
आरोप है कि स्पायवेयर का इस्तेमाल छात्राओं, विद्वानों, पत्रकारों, मानवाधिकार के पैरोकारों, वकीलों और यौन हिंसा पीड़िताओं की निगरानी के लिए किया गया।
कंपनी ने कहा है कि वह अपराध और आतंकवाद को रोकने के लिए कानून प्रवर्तन और सरकारी एजेंसियों को तकनीक बेचती है और उसने इसका दुरुपयोग करने वाले ग्राहकों के साथ अनुबंध समाप्त कर दिया है।
अमेरिका ने ब्लैक लिस्ट किया तो एप्पल ने किया है मुकदमा
अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने एनएसओ को ब्लैक लिस्ट कर दिया है। दिग्गज मोबाइल कंपनी ऐप्पल इंक ने स्पायवेयर कंपनी को अपने उत्पादों और सेवाओं का उपयोग करने से रोकने के लिए एनएसओ पर मुकदमा दायर किया है और कहा कि यह राज्य प्रायोजित हैकिंग द्वारा लक्षित उपयोगकर्ताओं को सूचित करना शुरू कर देगा।
बता दें कि, एनएसओ को 34 अरब रुपये का कर्ज चुकाना है जबकि दो साल पहले ही प्रबंधन ने करीब 76 अरब रुपये का निवेश किया था।
पेगासस के बंद होने से एनएसओ बहुत छोटी और संभावित रूप से कम मूल्यवान कंपनी बन सकती है, क्योंकि पेगासस यूनिट से एनएसओ के राजस्व का लगभग आधा हिस्सा आता है।