एस जयशंकर ने ब्रिटेन के नेताओं से मुलाकात के दौरान उठाया खालिस्तान आतंकवाद का मुद्दा
By रुस्तम राणा | Published: November 16, 2023 08:12 PM2023-11-16T20:12:50+5:302023-11-16T20:14:02+5:30
बैठक में जयशंकर ने कहा, ''खालिस्तान का प्रचार करने वालों समेत विभिन्न ताकतों की चरमपंथी और कभी-कभी हिंसक गतिविधियों को लेकर हमारी चिंताएं लंबे समय से हैं।''
नई दिल्ली: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस सप्ताह ब्रिटेन के गृह सचिव जेम्स क्लेवरली और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) टिम बैरो के साथ बैठक के दौरान खालिस्तान समर्थक चरमपंथ के संबंध में भारत की "लंबे समय से चली आ रही चिंताओं" को उठाया। विदेश मंत्री ने ब्रिटेन के शीर्ष नेताओं से अभिव्यक्ति और भाषण की स्वतंत्रता के दुरुपयोग के प्रति सतर्क रहने का भी आग्रह किया। बैठक में जयशंकर ने कहा, ''खालिस्तान का प्रचार करने वालों समेत विभिन्न ताकतों की चरमपंथी और कभी-कभी हिंसक गतिविधियों को लेकर हमारी चिंताएं लंबे समय से हैं।''
उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई ने गुरुवार को कहा, "हम यहां सरकार को यह समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि हम, एक साथी लोकतंत्र के रूप में, निश्चित रूप से अभिव्यक्ति और भाषण की स्वतंत्रता के महत्व को समझते हैं, उन्हें इन स्वतंत्रताओं के दुरुपयोग के खिलाफ सतर्क रहना चाहिए।" जयशंकर ने आगे मार्च में इंडिया हाउस में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन का जिक्र किया और कहा कि "स्थिति की गंभीरता को स्पष्ट रूप से पहचाना गया है"।
उन्होंने ब्रिटेन में भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा के बारे में भी बात की। उन्होंने कथित तौर पर कहा कि भारत उम्मीद करता है कि उसके राजनयिक मिशन को अपनी गतिविधियों को अप्रतिबंधित तरीके से संचालित करने के लिए अपेक्षित सुरक्षा प्रदान की जाएगी और "हिंसा और उग्रवाद की वकालत के खिलाफ कड़ा रुख" होगा।
इस बीच, विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, जयशंकर और ब्रिटेन के गृह सचिव ने चतुराई से "उग्रवाद, आर्थिक अपराधों और तस्करी सहित सीमा पार अपराधों को संबोधित करने पर विचारों का आदान-प्रदान किया।" जयशंकर का बयान ऐसे समय आया है जब खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा के साथ भारत के राजनयिक संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं।
जैसा कि विदेश मंत्रालय ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा, सुनक और जयशंकर ने रोडमैप 2030 के कार्यान्वयन की समीक्षा की और भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए बातचीत पर चर्चा की। जयशंकर ने मुक्त व्यापार समझौते पर चल रही बातचीत पर ''पर्याप्त प्रगति'' के बीच कई पार्टियों की बातचीत के बाद अपनी यात्रा को ''सामयिक'' बताया।
विदेश मंत्री ने कार्यालय में अपने पहले दिन विदेश सचिव कैमरन से मुलाकात की और उनकी नियुक्ति पर उन्हें बधाई दी। विदेश मंत्रालय की प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "उन्होंने राजनीतिक, आर्थिक और व्यापार, रक्षा और सुरक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, नवाचार, स्वास्थ्य, शिक्षा, लोगों से लोगों के बीच संपर्क और गतिशीलता में सहयोग से लेकर भारत-ब्रिटेन साझेदारी की पूरी क्षमता का एहसास करने के तरीकों पर चर्चा की।"