Russia-Ukraine War: क्या रूस से युद्ध का सामना कर रहे यूक्रेन का साथ छोड़ देखा अमेरिका! राष्ट्रपति जेलेंस्की को क्यों सता रहा डर?
By अंजली चौहान | Published: July 3, 2023 09:42 AM2023-07-03T09:42:36+5:302023-07-03T09:45:20+5:30
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा है कि उन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका से द्विदलीय समर्थन खोने का डर है।
कीव:यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध का कोई अंत होता नजर नहीं आ रहा करीब एक साल से चल रहे इस युद्ध के कारण दोनों देशों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
रूस के खिलाफ जंग में यूक्रेन का सबसे बड़ा समर्थन अमेरिका रहा है लेकिन अब राष्ट्रपति जेलेंस्की को अपने समर्थित देश अमेरिका को लेकर एक चिंता खाए जा रही है।
दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि अमेरिका अपना समर्थन यूक्रेन से वापस लेने वाला है। जेलेंस्की का कहना है कि उन्हें अमेरिका से द्विदलीय समर्थन खोने का डर सता रहा है। जिसे उन्होंने कुछ रिपब्लिकन से आने वाले खतरनाक संदेश कहा है।
गौरतलब है कि जेलेंस्की ने शनिवार को कीव में स्पेनिश मीडिया के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि माइक पेंस ने दौरा किया है और वह यूक्रेन का समर्थन करते हैं। सबसे पहले एक अमेरिकी के रूप में और फिर एक रिपब्लिकन के रूप में, हमें द्विदलीय समर्थन प्राप्त है।
हालाँकि, यूक्रेन के समर्थन को लेकर उनके सर्किल में अलग-अलग संदेश हैं। कुछ रिपब्लिकन की ओर से संदेश आ रहे हैं कि वह अपना समर्थन वापस ले सकते हैं।
पुतिन के लिए विरोधियों का बढ़ना खतरनाक
जेलेंस्की ने कहा कि अगला अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव चाहे कोई भी जीते लेकिन उनका समर्थन हमें बना रहे। ये यूक्रेन के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है। जानकारी के अनुसार, संवाददता सम्मेलन में जब जेलेंस्की से पूछा गया कि क्या उन्हें अपनी जान का डर है तो उन्होंने कहा कि रूसी राष्ट्रपति के अंतरराष्ट्रीय विरोधियों की बढ़ती संख्या के कारण यह पुतिन के लिए अधिक खतरनाक है।
कीव में रातभर ड्रोन से हमला
जानकारी के अनुसार, यूक्रेन के सैन्य अधिकारियों का कहना है कि रूस ने 12 दिनों के अंतराल के बाद शनिवार को कीव पर रात भर ड्रोन हमला किया। हालांकि, संभावित हताहतों या नुकसान की कोई जानकारी नहीं है।
यह हमला यूक्रेनी अधिकारियों द्वारा देश के पूर्व और दक्षिण में रूसी गोलाबारी से अधिक नागरिकों के हताहत होने की सूचना देने के एक दिन बाद हुआ।