ब्रिटेन की आर्थिक स्थिरता मुख्य एजेंडे में रखेंगे ऋषि सुनक, किंग चार्ल्स तृतीय ने उन्हें भारतीय मूल का पहला ब्रिटिश प्रधानमंत्री नियुक्त किया
By रुस्तम राणा | Published: October 25, 2022 05:07 PM2022-10-25T17:07:50+5:302022-10-25T17:13:43+5:30
ऋषि सुनक को महाराजा चार्ल्स तृतीय ने भारतीय मूल का पहला ब्रिटिश प्रधानमंत्री नियुक्त किया। इससे पहले उन्हें दिवाली के दिन निर्विरोध कंजर्वेटिव पार्टी का नया नेता चुना गया था।
लंदन: आर्थिक चुनौती का सामना कर रहे ब्रिटेन को अब एक नया प्रधानमंत्री मिल गया है। नए पीएम ऋषि सुनक ने मंगलवार को यह कहा कि वह देश में आर्थिक स्थिरता और विश्वास को इस सरकार के एजेंडे के केंद्र में रखेंगे। उन्होंने जनता से यह भी स्पष्ट कह दिया है कि ब्रिटेन में आने वाले दिनों में सरकार कठिन फैसले लेगी। ब्रिटेन की जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, मेरी सरकार ऐसी अर्थव्यवस्था का निर्माण करेगी जो ब्रेक्जिट के अवसरों का अधिकतम लाभ उठाए।
ब्रिटिश पीएम ने कहा, मैं अपनी पार्टी का नेता चुना गया हूं, मैं आपसे वादा करता हूं कि मैं उसी मानवता के साथ काम करूंगा और आपके और आने वाली पीढ़ी के लिए बेहतर भविष्य निर्माण करने पर कार्य करूंगा। उन्होंने कहा, मैं अपने देश को न सिर्फ शब्दों से बल्कि गतिविधियों के साथ एकजुट करूंगा।
10 डाउनिंग स्ट्रीट में भाषण देते हुए उन्होंने कहा कि इस समर्थन का मैं पूरी इमानदारी के साथ निर्वहन करते हुए आपके लिए कार्य करूंगा। भरोसा जीता जाता है और मैंने आपका भरोसा जीता है। इससे पहले किंग चार्ल्स-III द्वारा ऋषि सनक को ब्रिटिश का नया प्रधानमंत्री घोषित किए जाने के बाद ऋषि सुनक 10 डाउनिंग स्ट्रीट पर पहुंचे थे।
उन्हें महाराजा चार्ल्स तृतीय ने भारतीय मूल का पहला ब्रिटिश प्रधानमंत्री नियुक्त किया। इससे पहले उन्हें दिवाली के दिन निर्विरोध कंजर्वेटिव पार्टी का नया नेता चुना गया था। ब्रिटेन के पूर्व वित्त मंत्री सुनक (42) हिंदू हैं और वह पिछले 210 साल में ब्रिटेन के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री हैं।
पार्टी का नेता चुने जाने के बाद अपने पहले संबोधन में सुनक ने सोमवार को कहा था कि उनकी प्राथमिकता देश को एकजुट करना होगा। सुनक ने कहा, ‘‘मैं वादा करता हूं कि मैं सत्यनिष्ठा और विनम्रता के साथ आपकी सेवा करूंगा तथा ब्रिटेन के लोगों की निरंतर सेवा करूंगा।’’
उन्होंने कहा था कि ब्रिटेन एक महान देश है, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि देश एक गंभीर आर्थिक चुनौती का सामना कर रहा है। सुनक ने ऐसे समय सत्ता की कमान संभाली है, जब ब्रिटेन धीमी गति से विकास , उच्च मुद्रास्फीति, यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर ऊर्जा की कीमतों में बढ़ोतरी और बजट घाटा जैसे मुद्दों से जूझ रहा है, जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की वित्तीय विश्वसनीयता को कमजोर किया है।
उनका पहला काम ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय वित्तीय विश्वसनीयता को बहाल करना होगा, क्योंकि निवर्तमान प्रधानमंत्री लिज ट्रस द्वारा करों में कटौती किये की योजना और एक महंगी ऊर्जा मूल्य गारंटी ने बांड बाजार को झकझोर दिया। उसके पास कर दरों को बढ़ाने और खर्च में कटौती करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा, जो अलोकप्रिय होगा और इसके अप्रत्याशित राजनीतिक परिणाम भी हो सकते हैं।