दवा कंपनियों के दबाव में रिसर्च होते हैं प्रकाशित!

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: August 4, 2020 08:35 AM2020-08-04T08:35:40+5:302020-08-04T08:35:40+5:30

द लांसेट के संपादक डॉ. रिचर्ड होर्टन ने बैठक के दौरान दुख जताते हुए कहा, ''यदि ऐसा ही चलता रहा तो हम और अधिक क्लिनिकल रिसर्च डाटा प्रकाशित नहीं कर पाएंगे

Research is published under pressure from pharmaceutical companies! | दवा कंपनियों के दबाव में रिसर्च होते हैं प्रकाशित!

दवा कंपनियों के दबाव में रिसर्च होते हैं प्रकाशित!

Highlights दवा कंपनियां आर्थिक रूप से इतनी ज्यादा सक्षम हैं कि वह रिसर्च पेपर स्वीकारने के लिए दबाव डालती हैं.हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन (एचसीक्यू) को लेकर प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल्स में लगातार नकारात्मक खबरें प्रकाशित की गईं.

कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए दुनियाभर में किए जा रहे अनुसंधानों और इसके वैक्सीन की खोज के दावों के बीच द लांसेट और द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन के संपादकों के इस खुलासे ने सनसनी फैला दी है कि आर्थिक रूप से शक्तिशाली दवा कंपनियां अपनी मनमर्जी के रिसर्च पेपर स्वीकारने के लिए उन पर दबाव डालती हैं. वर्ष 2017 में विश्व स्वास्थ्य संगठन के निदेशक पद की दौड़ में शामिल रहे डॉ. फिलिप दोस्ते-ब्लेजी (एमडी) ने बताया कि हाल ही में चैथम हाउस की एक शीर्ष गोपनीय बैठक में द लांसेट और द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन के संपादकों ने दवा कंपनियों द्वारा उन पर डाले जा रहे दबाव पर खासा रोष जताया था.

फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्री रह चुके दोस्ते-ब्लेजी ने एक वीडियो इंटरव्यू में बताया कि दोनों ही संपादकों ने विज्ञान के इस तरह किए जा रहे क्षरण को 'आपराधिक कृत्य' करार दिया है. उन्होंने बताया कि द लांसेट के संपादक डॉ. रिचर्ड होर्टन ने बैठक के दौरान दुख जताते हुए कहा, ''यदि ऐसा ही चलता रहा तो हम और अधिक क्लिनिकल रिसर्च डाटा प्रकाशित नहीं कर पाएंगे. दवा कंपनियां आर्थिक रूप से इतनी ज्यादा सक्षम हैं कि वह हम पर रिसर्च पेपर स्वीकारने के लिए दबाव डालती हैं. यह पेपर्स ऊपरी तौर पर एक नजर में तो व्यवस्थित लगते हैं, लेकिन उनका निष्कर्ष वही होता है जो दवा कंपनियां चाहती हैं.''

मामला हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन का

डॉ. दोस्ते-ब्लेजी ने बताया कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन (एचसीक्यू) को लेकर प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल्स में लगातार नकारात्मक खबरें प्रकाशित की गईं. डॉ. दोस्ते-ब्लेजी खुद डॉ. डिडियर रॉल्ट द्वारा कोविड-19 संक्रमितों के लिए प्रस्तावित एचसीक्यू और एजिथ्रोमाइसिन (एजेड) दवाओं के कॉम्बिनेशन के समर्थक रहे हैं. उन्होंने तो चिकित्सकों को इसे प्रिस्क्राइब करने की अनुमति दिए जाने के लिए बाकायदा हस्ताक्षर अभियान चला रखा है. अब तक पांच लाख से अधिक फ्रांसीसी चिकित्सक और नागरिक इस पर हस्ताक्षर कर चुके हैं.

राजनीतिक रंग भी

इस मामले ने राजनीतिक रंग भी पकड़ लिया है. वामपंथी राजनीतिज्ञ और सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारी एचसीक्यू के इस्तेमाल के खिलाफ हैं. दक्षिणपंथियों की राय में डॉक्टरों को इसे प्रिस्क्राइब करने की अनुमति दी जानी चाहिए. द साइंस के मुताबिक फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रों ने हाल ही में डॉ. रॉल्ट से मुलाकात की थी, जो एसीक्यू-एजेड दवाओं का कॉम्बिनेशन मरीजों को देते हैं और जिन्होंने इसके लाभ का दस्तावेजीकरण भी किया है.

सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा अधिकारी, अकादमिक फिजिशियन और मीडिया के कई लोग दवा कंपनियों के आर्थिक तौर पर ऋणी हैं. ऐसे में वह एचसीक्यू के इस्तेमाल के मुखर विरोधी हैं और इस दवा को बेवजह लोकप्रिय बनाने का ठीकरा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सिर फोड़ने का कोई मौका नहीं छोड़ते.

Web Title: Research is published under pressure from pharmaceutical companies!

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