रानिल विक्रमसिंघे ने पीएम मोदी को दिया धन्यवाद, कहा- भारत ने मुश्किल समय में जीवनदान दिया
By शिवेंद्र राय | Published: August 3, 2022 03:35 PM2022-08-03T15:35:55+5:302022-08-03T15:38:09+5:30
लंबे समय तक राजनीतिक उथल पुथल से जूझ रहे श्रीलंका में नई सरकार का गठन हो गया है। आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका के नए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने मुश्किल समय में मदद मुहैया कराने के लिए भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है।
कोलंबो: श्रीलंका में नई गठित सरकार के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने भारत को मदद के लिए शुक्रिया कहा है। श्रीलंकाई संसद में दिए गए अपने भाषण के दौरान रानिल विक्रमसिंघे ने कहा, “भारत जो हमारा सबसे करीबी पड़ोसी है, इस आर्थिक स्थिति में उनकी की गई मदद के बारे में में बाताना चाहता हूं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत सरकार ने हमें जीवनदान दिया है। मैं खुद और अपने लोगों की तरफ से प्रधानमंत्री मोदी, भारत सरकार और वहां के लोगों का आभार व्यक्त करता हूं।”
बता दें कि आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को भारत ने 3.5 बिलियन डॉलर की क्रेडिट और करेंसी-स्वैप सहायता दी है। इसके अलावा बीते कुछ महीनों में भारत ने श्रीलंका को ईंधन, खाद्य और जरूरी दवाओं से भरे कई जहाज भेजे हैं। केंद्र सरकार के अलावा तमिलनाडू की राज्य सरकार ने भी श्रीलंका को खाद्य पदार्थ और दवाइयां सहायता के तौर पर भेजी हैं।
पिछले हफ्ते ही भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति विक्रमसिंघे को बधाई दी और कहा कि भारत स्थापित लोकतांत्रिक साधनों के माध्यम से स्थिरता और आर्थिक सुधार के लिए श्रीलंका के लोगों का समर्थन करना जारी रखेगा। श्रीलंका में कड़े विरोध प्रदर्शनों के बाद पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को पद छोड़ना पड़ा था और देश छोड़ कर भागना पड़ा था। लगभग दीवालिया हो चुके श्रीलंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति को देश की अर्थव्यवस्था वापस पटरी पर लाने के लिए बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
आर्थिक संकट की वजह से श्रीलंका में महंगाई बेतहाशा बढ़ चुकी है। लोगों को खाने का सामान नहीं मिल रहा है, जीवन रक्षक दवाओं की किल्लत है और ईंधन के लिए पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें लग रही हैं। श्रीलंका को अपने 2.2 करोड़ लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए अगले छह महीनों में करीब 5 अरब डॉलर की जरूरत है। श्रीलंका की सरकार वर्तमान आर्थिक संकट से निपटने के लिए वित्तीय सहायता पाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और देशों के साथ बातचीत कर रही है। संसद में दिए अुपने भाषण में रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को सही करने के लिए दीर्घकालिक समाधान की ओर बढ़ना चाहिए।