श्रीलंकाः रानिल विक्रमसिंघे को नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया, 225 सदस्यीय संसद में यूएनपी के पास एक सांसद

By सतीश कुमार सिंह | Published: May 12, 2022 07:04 PM2022-05-12T19:04:35+5:302022-05-12T19:31:31+5:30

श्रीलंका के चार बार प्रधानमंत्री रह चुके रानिल विक्रमसिंघे को अक्टूबर 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने प्रधानमंत्री पद से हटा दिया था।

Ranil Wickremesinghe appointed new PM of Sri Lanka United National Party leader one MP 225-member parliament | श्रीलंकाः रानिल विक्रमसिंघे को नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया, 225 सदस्यीय संसद में यूएनपी के पास एक सांसद

श्रीलंका का ऐसा राजनेता माना जाता है जो अंतरराष्ट्रीय सहयोग भी जुटा सकते हैं।

Highlights यूएनपी के 73 वर्षीय नेता को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने नियुक्त किया है।विक्रमसिंघे को अंतरिम प्रशासन का नेतृत्व करने के लिए सभी दलों का समर्थन मिल सकता है।कई दलों ने संसद में विक्रमसिंघे के बहुमत साबित करने के लिए अपना समर्थन जताया है।

कोलंबोः यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के नेता रानिल विक्रमसिंघे ने गुरुवार को देश के सामने सबसे खराब आर्थिक संकट के बीच श्रीलंका के नए प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली, जिसमें सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शन हुए हैं। कई बार प्रधानमंत्री रह चुके विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने पद की शपथ दिलाई।

श्रीलंका की 225 सदस्यीय संसद में पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) की केवल एक सीट है। यूएनपी के 73 वर्षीय नेता को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने नियुक्त किया है। डेली मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) के सांसदों का समर्थन हासिल करने के बाद विक्रमसिंघे ने प्रधानमंत्री का पद स्वीकार किया।

विक्रमसिंघे को अक्टूबर 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने प्रधानमंत्री पद से हटा दिया था। हालांकि दो महीने बाद ही सिरीसेना ने उन्हें इस पद पर बहाल कर दिया था। सूत्रों के अनुसार विक्रमसिंघे को अंतरिम प्रशासन का नेतृत्व करने के लिए सभी दलों का समर्थन मिल सकता है।

भोजन और ईंधन की कमी, बढ़ती कीमतों और बिजली कटौती से बड़ी संख्या में नागरिकों को प्रभावित करने वाले श्रीलंका आजादी के बाद से सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप सरकार की स्थिति से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं।

उनकी सरकार छह महीने चल सकती है। सूत्रों के अनुसार सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी), विपक्षी समगी जन बालावेगाया (एसजेबी) के एक धड़े और अन्य कई दलों ने संसद में विक्रमसिंघे के बहुमत साबित करने के लिए अपना समर्थन जताया है।

देश की सबसे पुरानी पार्टी यूएनपी 2020 में एक भी सीट नहीं जीत सकी थी और यूएनपी के मजबूत गढ़ रहे कोलंबो से चुनाव लड़ने वाले विक्रमसिंघे भी हार गये थे। बाद में वह सकल राष्ट्रीय मतों के आधार पर यूएनपी को आवंटित राष्ट्रीय सूची के माध्यम से संसद पहुंच सके। उनके साथी रहे सजीत प्रेमदासा ने उनसे अलग होकर अलग दल एसजेबी बना लिया जो मुख्य विपक्षी दल बन गया।

विक्रमसिंघे को दूरदृष्टि वाली नीतियों के साथ अर्थव्यवस्था को संभालने वाले नेता के तौर पर स्वीकार्यता है। उन्हें श्रीलंका का ऐसा राजनेता माना जाता है जो अंतरराष्ट्रीय सहयोग भी जुटा सकते हैं। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने बुधवार को देर रात राष्ट्र के नाम अपने टेलीविजन संदेश में पद छोड़ने से इनकार किया लेकिन इस सप्ताह एक नये प्रधानमंत्री और युवा मंत्रिमंडल के गठन का वादा किया।

Web Title: Ranil Wickremesinghe appointed new PM of Sri Lanka United National Party leader one MP 225-member parliament

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