जॉर्ज फ्लॉयड की मौत पर बवालः नस्लवाद विरोधी प्रदर्शन के दौरान शिकागो में दो लोगों की मौत
By भाषा | Published: June 2, 2020 11:08 PM2020-06-02T23:08:41+5:302020-06-02T23:08:41+5:30
अफ्रीकी मूल के अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत को लेकर हो रहे हिंसक प्रदर्शनों के छठे दिन अमेरिका में आक्रोश एवं भावनाएं उबाल पर हैं। इन हिंसक प्रदर्शनों में हजारों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है और करीब 40 शहरों में कर्फ्यू लगाया गया है जबकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को व्हाइट हाउस के बंकर में शरण लेनी पड़ी है।
सिसेरो: अमेरिकी शहर शिकागो के उपनगर सिसेरो में नस्लवाद विरोधी प्रदर्शन के दौरान दो लोगों की मौत हो गई है। वहीं जॉर्ज फ्लॉयड की मौत को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी हैं। एक आधिकारिक प्रवक्ता रे हैनैनिया ने बताया कि शहर में 60 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने मरने वाले लोगों के संबंध में अतिरिक्त जानकारी नहीं दी जैसे कि किन परिस्थितियों में उनकी मौत हुई है।
सोमवार को स्थानीय पुलिस की मदद के लिए इलिनॉयस राज्य पुलिस और कुक काउंटी के शेरीफ दफ्तर से मदद मांगी गयी थी क्योंकि भीड़ शराब की दुकान में घुस गई थी और कई अन्य दुकानों में लूटपाट कर रही थी।
आपको बता दें, अफ्रीकी मूल के अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत को लेकर हो रहे हिंसक प्रदर्शनों के छठे दिन अमेरिका में आक्रोश एवं भावनाएं उबाल पर हैं। इन हिंसक प्रदर्शनों में हजारों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है और करीब 40 शहरों में कर्फ्यू लगाया गया है जबकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को व्हाइट हाउस के बंकर में शरण लेनी पड़ी है। अमेरिका में पिछले कई दशकों में अब तक के सबसे बड़ी नागरिक अशांति माने जा रहे ये हिंसक प्रदर्शन फ्लॉयड की मौत के बाद अमेरिका में कम से कम 140 शहरों तक फैल गए हैं।
कुछ प्रदर्शनों के हिंसक रूप ले लेने के बाद कम से कम 20 राज्यों में नेशनल गार्ड के सैनिकों की तैनाती कर दी गई है। वाशिंगटन पोस्ट ने खबर दी, “देश के कई हिस्सों में प्रदर्शनों के उपद्रव का रूप ले लेने के बाद कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई।”
खबर में बताया गया कि पुलिस ने सप्ताहांत में दो दर्जन अमेरिकी शहरों से कम से कम 2,564 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से 20 प्रतिशत गिरफ्तारी लॉस एंजिलिस में हुई हैं। यह अशांति शुरुआत में मिनेसोटा के मिनीपोलिस से शुरू हुई थी लेकिन अब पूरे देश में फैल चुकी है जहां लॉस एंजिलिस, शिकागो, न्यूयॉर्क, ह्यूस्टन, फिलेडेल्फिया और वाशिंगटन डीसी समेत बड़े शहरों से हिंसा की खबरें आ रही हैं।
न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर में कहा गया, “अमेरिका में पुलिस के हाथों एक और अश्वेत व्यक्ति की हत्या के बाद से राष्ट्रव्यापी अशांति के छठे दिन रविवार को भी भावनाओं, आक्रोश और जारी हिंसा की विस्फोटक स्थिति बनी हुई है।” बर्मिंघम में, प्रदर्शनकारियों ने कन्फेडरेट स्मारक को गिरा दिया जिसे शहर ने एक वाद के चलते तिरपाल से ढका हुआ था। बोस्टन में, पुलिस की एसयूवी को स्टेट हाउस के पास आग के हवाले कर दिया गया। फिलेडेल्फिया में पुलिस अधिकारी दंगों के समय इस्तेमाल होने वाले उपकरणों और बख्तरबंद वाहन में प्रदर्शनकारियों और लुटेरों को तितर-बितर करने के लिए मिर्च स्प्रे इस्तेमाल करते दिखे।
न्यूयॉर्क में प्रदर्शनकारियों ने ब्रूकलिन और विलियम्सबर्ग पुलों पर मार्च कर यातायात को बाधित किया। कार ट्रैफिक के लिए मैनहेटन पुल को कुछ देर के लिए बंद रखा गया। यूनियन स्कॉयर में उथल-पुथल मच गई जहां कबाड़ में पड़े कैन और सड़क पर पड़े कूड़े को लगाई गई आग की लपटें दो मंजिला इमारत की ऊंचाई तक उठती दिखी। खबर में कहा गया कि यह पहली बार है जब 1968 में डॉ मार्टिन लूथर किंग जूनियर की हत्या के बाद से इतने सारे अधिकारियों ने नागरिक अशांति को देखते हुए एक साथ ऐसे आदेश पारित किए हों।
पुलिस ने रविवार को व्हाइट हाउस के पास से प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे जिन्होंने प्रमुख इमारतों की खिड़कियों को तोड़ा, गाड़ियां पलट दीं और आगजनी की जहां वाशिंगटन स्मारक के पास से धुएं का गुबार उठता दिखा। पिछले कुछ दिनों से, हजारों प्रदर्शनकारी व्हाइट हाउस के बाहर एकत्र होकर राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।