महिलाओं की अपार क्षमताओं का उत्पादक उपयोग उनके सशक्तीकरण, आर्थिक विकास के लिए लाभकारी: आईएमएफ

By भाषा | Published: March 9, 2021 02:51 PM2021-03-09T14:51:13+5:302021-03-09T14:51:13+5:30

Productive use of women's immense capabilities, their empowerment, beneficial for economic development: IMF | महिलाओं की अपार क्षमताओं का उत्पादक उपयोग उनके सशक्तीकरण, आर्थिक विकास के लिए लाभकारी: आईएमएफ

महिलाओं की अपार क्षमताओं का उत्पादक उपयोग उनके सशक्तीकरण, आर्थिक विकास के लिए लाभकारी: आईएमएफ

(योषिता सिंह)

संयुक्त राष्ट्र, नौ मार्च अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि महिलाओं की अपार क्षमताओं का उत्पादक उपयोग उनके सशक्तीकरण एवं समग्र वैश्विक आर्थिक विकास के लिए लाभकारी होगा।

गोपीनाथ ने सचेत किया कि महिलाओं ने वर्षों की कड़ी मेहनत से जो आर्थिक एवं सामाजिक मुकाम हासिल किया है, वह कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण प्रभावित हो सकता है।

गोपीनाथ ने ‘इनॉग्रल डॉक्टर हंसा मेहता लेक्चर’ में सोमवार को कहा, ‘‘हम एक ऐसे वैश्विक स्वास्थ्य एवं आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं, जिससे कई वर्षों की कड़ी मेहनत से हासिल की गई महिलाओं की आर्थिक एवं सामाजिक उपलब्धियों पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। वैश्विक महामारी के कारण महिलाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं, क्योंकि उनकी बड़ी संख्या रेस्तरां एवं आथित्य सत्कार जैसे क्षेत्रों में कार्यरत है और लॉकडाउन में यही क्षेत्र सर्वाधिक प्रभावित हुए है। वे घर की देखभाल करती हैं, इसलिए स्कूल बंद होने के कारण उन्हें श्रम बाजार से बाहर निकलना पड़ा।’’

इस डिजिटल व्याख्यान का आयोजन संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन और ‘यूनाइटेड नेशन अकेडमिक इम्पैक्ट’ ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर किया।

सुधारवादी, सामाजिक कार्यकर्ता एवं शिक्षाविद हंसा मेहता ने 1947 से 1948 तक संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में भारतीय प्रतिनिधि के तौर पर सेवाएं दी थीं। उन्हें सार्वभौमिक मानवाधिकार घोषणा पत्र (यूडीएचआर) के अनुच्छेद एक की भाषा में अहम बदलाव कराने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने ‘‘सभी पुरुष आजाद एवं समान पैदा होते हैं’’ पंक्ति में बदलाव कराकर उसकी जगह ‘‘सभी मनुष्य आजाद एवं समान पैदा होते हैं’’ पंक्ति शामिल कराई थी।

गोपीनाथ ने कहा कि विकासशील देशों में अधिकतर महिलाएं अनौपचारिक क्षेत्र में कार्यरत हैं, जहां उन्हें कम वेतन, कम रोजगार सुरक्षा और कम सामाजिक सुरक्षा मिलती है। इन देशों में लड़कियों को घर का काम करने के लिए स्कूल छोड़ना पड़ता है। इसके अलावा व्यथित करने वाला एक तथ्य यह भी है कि महामारी फैलने के बाद से महिलाओं के खिलाफ हिंसा बढ़ी है।

उन्होंने कहा कि जब दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाएं संकट से जूझ रही हैं, महिलाओं की अपार क्षमताओं का उत्पादक उपयोग कर महिला सशक्तीकरण और समग्र वैश्विक आर्थिक विकास के क्षेत्र में लाभ हासिल किया जा सकता है।

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Web Title: Productive use of women's immense capabilities, their empowerment, beneficial for economic development: IMF

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