राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के न्योते पर अमेरिका जाएंगे किम जोंग उन, शिखर वार्ता का हुआ समापन
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: June 13, 2018 05:57 AM2018-06-13T05:57:40+5:302018-06-13T06:28:43+5:30
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के न्यौते को स्विकार कर लिया है। अब जल्द ही किम जोंग उन अमेरिका जाएगें।
सिंगापुर, 13 जून। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के न्यौते को स्विकार कर लिया है। अब जल्द ही किम जोंग उन अमेरिका जाएगें। वहीं किम जोंग उन ने सुरक्षा संबंधी गारंटी के बदले ‘‘ पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण ’’ की दिशा में काम करने का वादा किया है। इसी के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ उनकी ऐतिहासिक शिखर वार्ता का समापन हो गया है। इससे एशिया प्रशांत क्षेत्र की भू-राजनीति नया आकार ले सकती है और क्षेत्र में तनाव कम हो सकता है।
ट्रंप ने किम के साथ करीब चार घंटे तक चली बातचीत को बेबाक, प्रत्यक्ष और सकारात्मक’’ बताते हुए कहा कि जरूरी नहीं कि अतीत का संघर्ष भविष्य का युद्ध हो। किम ने कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और साथ ही वह मिसाइल इंजन का एक परीक्षण स्थल नष्ट करने पर भी सहमत हुए।
North Korean leader Kim-Jong-Un accepts US President Donald Trump's invitation to visit the United States and says denuclearisation dependent on ceasing antagonism, reports AFP quoting Korean Central News Agency (KCNA) pic.twitter.com/RXv6fUGV6U
— ANI (@ANI) June 12, 2018
उन्होंने कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण के समझौते को लेकर उन्हें किम पर विश्वास है। लंबे समय से दुनियाभर में अलग-थलग रहा उत्तर कोरिया इस शिखर वार्ता को अपने लिए वैधानिकता हासिल करने के एक तरीके के रूप में देख रहा है।
ट्रंप ने ऐतिहासिक शिखर वार्ता के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम दोनों देशों के बीच एक नया अध्याय लिखने के लिए तैयार हैं।’’ उन्होंने साथ ही घोषणा कि वह दक्षिण कोरिया में अमेरिकी सैन्य अभ्यास रोक देंगे। ट्रंप की यह घोषणा उत्तर कोरिया की एक प्रमुख मांग पूरी करती है जो इन अभ्यासों को अतिक्रमण का अभ्यास करार देता रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा , ‘‘हम इन अभ्यासों को रोक देंगे जिससे हमें काफी पैसे बचाने में मदद मिलेगी।’’ अमेरिकी सेना के कमांडर-इन-चीफ ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा कि वह अभ्यास रोकने पर सहमत हुए क्योंकि उन्हें लगता है कि वे ‘‘काफी उकसावेपूर्ण हैं।’’ हालांकि उन्होंने कहा कि परमाणु परीक्षणों के लिए उत्तर कोरिया पर लगे प्रतिबंध इस समय बने रहेंगे।
दोनों नेताओं के हस्ताक्षर वाले एक संयुक्त बयान के अनुसार ट्रंप और किम ने दोनों देशों के नये संबंधों की स्थापना से जुड़े मुद्दों पर तथा कोरियाई प्रायद्वीप में एक स्थायी एवं मजबूत शांति के निर्माण को लेकर व्यापक , गहरे एवं बेबाकी से भरे विचारों का आदान - प्रदान किया।
लेकिन पर्यवेक्षकों का कहना है कि संयुक्त बयान में विस्तार से बातें नहीं की गयी हैं , खासकर इस संबंध में कि परमाणु निरस्त्रीकरण का लक्ष्य कैसे हासिल किया जाएगा। अमेरिकी मीडिया की खबरों में कहा गया कि शिखर वार्ता से परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए कितनी मदद मिली , इसका पता आने वाले वर्षों में चलेगा।