पोप फ्रांसिस ने कहा, "कैथोलिक चर्च एलजीबीटी लोगों के लिए खुला है लेकिन उन्हें चर्च के नियमों और आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलना होगा"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 7, 2023 10:09 AM2023-08-07T10:09:34+5:302023-08-07T10:16:48+5:30

पोप फ्रांसिस ने रविवार को कहा कि कैथोलिक चर्च समलैंगिकों सहित सभी के लिए खुला है लेकिन चर्च के नियमों के दायरे में रहते हुए उन्हें आध्यात्मिकता के व्यक्तिगत मार्ग पर चलना होगा।

Pope Francis said, "Catholic Church is open to LGBT people but they have to follow the rules of the Church and the path of spirituality" | पोप फ्रांसिस ने कहा, "कैथोलिक चर्च एलजीबीटी लोगों के लिए खुला है लेकिन उन्हें चर्च के नियमों और आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलना होगा"

पोप फ्रांसिस ने कहा, "कैथोलिक चर्च एलजीबीटी लोगों के लिए खुला है लेकिन उन्हें चर्च के नियमों और आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलना होगा"

Highlightsपोप फ्रांसिस ने कैथोलिक चर्च में समलैंगिकों और महिलाओं पर लागू होने वाले प्रतिबंधों पर बात की पोप ने कहा कि चर्च सदैव से उनके लिए है, जो आध्यात्मिक मार्ग पर चलना स्वीकार करते हैंपोप ने कहा कि समलैंगिक आकर्षण पाप नहीं है लेकिन समलैंगिक कृत्य पाप जरूर है

वेटिकन सिटी: ईसाईयों के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने रविवार को कहा कि कैथोलिक चर्च समलैंगिकों सहित सभी के लिए खुला है लेकिन चर्च के नियमों के दायरे में रहते हुए उन्हें आध्यात्मिकता के व्यक्तिगत मार्ग पर चलना होगा।

पुर्तगाल से रोम लौट रहे पोप फ्रांसिस ने विमान में पत्रकारों से बात करते हुए अपने स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जून में उनकी हर्निया की सर्जरी हुई, उसके बाद उनका स्वास्थ्य अच्छा है। उन्होंने कहा कि सर्जरी के टांके हटा दिए गए हैं, लेकिन उनकी मांसपेशियां मजबूत होने तक उन्हें दो या तीन महीने तक पेट पर बैंड पहनना होगा।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार पुर्तगाल में विश्व युवा दिवस कैथोलिक उत्सव से वापस लौटते हुए 86 साल के पोप फ्रांसिस स्वस्थ्य दिखाई दे रहे थे। पोप ने विमान में ही पत्रकारों के साथ लगभग आधे घंटे तक बातचीत की और उनके सवालों के जवाब दिए।

एक रिपोर्टर ने पोप से सवाल किया कि बकौल फ्रांसिस चर्च "हर किसी, हर किसी, हर किसी" के लिए खुला है लेकिन चर्च में महिलाओं और समलैंगिकों जैसे कुछ लोगों के लिए समान अधिकार नहीं हैं। चर्च के पवित्र आदेशों का संस्कार महिलाओं को पुजारी बनने की अनुमति नहीं देता है और न ही समलैंगिक जोड़ों को विवाह का अनुबंध की अनुमति देता है।

इस सवाल के जवाब में पोप फ्रांसिस ने कहा, "चर्च के दरवाजे आज से नहीं बल्कि हमेशा से सभी के लिए खुले हैं लेकिन कुछ ऐसे कानून हैं, जो चर्च के अंदर जीवन को नियंत्रित करते हैं।"

उन्होंने कहा, "यह बात सही है कि चर्च के कानून के अनुसार, वे कुछ संस्कारों में भाग नहीं ले सकते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि चर्च के दरवाजे उनके लिए बंद हैं। प्रत्येक व्यक्ति चर्च के अंदर अपने तरीके से भगवान का सामना करता है।"

उन्होंने कहा कि चर्च में पादरियों को एक मां की तरह धैर्य रखते हुए सभी को समान भाव से प्यार देना होता है, जिनमें नियमों का पालन नहीं करने वाले लोग भी शामिल होते हैं।

यह सार्वभौमिक सत्य है कि चर्च में महिलाएं पादरी नहीं बन सकतीं क्योंकि यीशु ने केवल पुरुषों को अपने प्रेरितों के रूप में चुना है। इसके अलावा चर्च समलैंगक विवाह या समलैंगिक जोड़ों को आशीर्वाद की अनुमति नहीं देता है, लेकिन चर्च नागरिक कानून का समर्थन करता है, जो समान-लिंग वाले जोड़ों को पेंशन, स्वास्थ्य बीमा और विरासत जैसे अधिकार देता है।

चर्च यह सिखाता है कि समलैंगिक आकर्षण पाप नहीं है लेकिन समलैंगिक कृत्य पाप जरूर है।

Web Title: Pope Francis said, "Catholic Church is open to LGBT people but they have to follow the rules of the Church and the path of spirituality"

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